रत्न विज्ञान में मोती का एक अपना अलग महत्व होता है। वैसे तो रत्न विज्ञान के अनुसार रत्न चौरासी प्रकार के होते हैं, परंतु उनमें से माणिक्य, मोती, पन्ना, हीरा एंव नीलम को पंच महारत्न का नाम दिया गया है। हमारे लिए गोल या लंबे मोती धारण करना कई प्रकार से लाभदायी सिद्ध होता हैं। मोती धारण करना सभी के लिए जरूरी हो ऐसा नहीं होता अर्थात सभी मोती की अंगूठी धारण करें या मोती की बनी कोई ये कोई जरूरी नहीं है क्योंकि मोती वही लोग धारण करते हैं जिन्हें कोई पंडित के द्वारा बताया जाता है। मोती कब कैसे और किस तिथि को धारण करें यह सब बातें जातक के मन में हमेशा चलते रहते हैं तो ऐसी परिस्थिति में विशेष कर बड़ी तिथियों अर्थात चतुर्दशी एंव पूर्णिमा के दिन उपवास करके मोती धारण करने इसका विशेष लाभ प्राप्त किया जा सकता हैं। दमकती-चमकती रत्न एंव मोती हर व्यक्ति को पसंद आता ही है। मोती की गुलाबी प्रकाश सिर्फ आकर्षण ही प्रदान नही करती है बल्कि जीवन की कई प्रकार की विकट समस्याओं को दूर करने का भी काम करती है। मोती एक ऐसा रत्न होता है, जो विकट परिस्थिति में अमृत का काम करता है, यह जीवन के किसी भी क्षेत्र में कोई भी बाधा हो उसे दूर करता है। मोती एक ऐसा रत्न है, जो आपकी हर इच्छा या मनोकामना पूरी करने की क्षमता रखता है।
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