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हस्तरेखा शास्त्र में व्यक्ति की हथेली को पढ़कर उसके चरित्र या भविष्य के जीवन का मूल्यांकन किया जाता है। विभिन्न रेखा जैसे दिल की रेखा, जीवन रेखा, मस्तिष्क रेखा आदि और उठान या उभार, को पढ़कर अनुमानत: उनके संबद्ध आकार, गुण और अंतरशाखाओं के संबंध में सुझाव दिये जाते हैं। कुछ रिवाजों में हस्तरेखा पढ़ने वाले उंगलियों, नाखूनों, उंगलियों के निशान और व्यक्ति की त्वचा की रेखाओं, त्वचा की बनावट व रंग, आकार, हथेली के आकार और हाथ का लचीलापन भी देखते हैं।
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