मंगल और बुध को ज्योतिष शास्त्र में एक ऊर्जावान एवं बुद्धिमान ग्रहों के रुप में जाना गया है. ऎसे में बुध और मंगल का जब भी गोचर बदलाव होता है तो वह एक बहुत ही खास समय रहता है. इस समय पर ग्रहों की शक्ति एवं गुणों में बदलाव एवं प्रभाव देखने को मिलता है. मंगल साहस के देवता है. मंगल की स्थिति किसी भी जातक में ऊर्जा और शक्ति को प्रदान करने वाली मानी गई है. मंगल ग्रह एक पराक्रमी ओर शक्ति का संयुक्त स्वरुप है किसी भी जातक की कुंडली में मंगल की स्थिति बहुत अहम होती है. ग्रहों में बुध ग्रह का अपना एक अलग और विशेष महत्व है. बुध ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में बुद्धि का कारक माना गया है इसलिए बुध एक महत्वपूर्ण ग्रह के रुप में स्थान पाता है. बुध अपनी मजबूत स्थिति में बुद्धि को उत्तम बनाने का कार्य करता है शुभ विचारों को देने वाला होता है. बुध कमजोर होने पर ये वाणी, विचार व संचार इत्यादि बातों को प्रभावित करता है. प्रत्येक ग्रह का जीवन के अलग-अलग क्षेत्र पर असर होता है ऎसे में बुध ओर मंगल दोनों का अपना स्थान महत्व और विशेषताओं का होता है. ग्रह के कमजोर होने से मनुष्य के जीवन में कई सारी समस्याएं आ जाती हैं. लेकिन अगर कुंडली में ग्रह बलवान हो तो कई सारी खुशियों की भी प्राप्ति संभव हो पाती है. तो आइए जानते हैं मंगल और बुध का योग कैसे देगा अपना प्रभाव :-
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