मंगल को ज्योतिष शास्त्र में एक ऊर्जावान एवं शक्तिशाली ग्रह के रुप में जाना गया है. ऎसे में मंगल का जब भी गोचर बदलाव होता है तो वह एक बहुत ही खास समय रहता है. इस समय पर मंगल की शक्तियों एवं गुणों में भी कोई न कोई बदलाव एवं प्रभाव देखने को मिलता है. मंगल साहस के देवता है. मंगल की स्थिति किसी भी जातक में ऊर्जा और शक्ति को प्रदान करने वाली मानी गई है. मंगल ग्रह एक पराक्रमी ओर शक्ति का संयुक्त स्वरुप है किसी भी जातक की कुंडली में मंगल की स्थिति बहुत अहम होती है मंगल की मजबूती ही व्यक्ति में किसी भी कठिनाई एवं चुनौतियों से बचकर आगे निकलने की क्षमता देती है. वहीं दूसरी ओर कन्या राशि एक सौम्य राशि और जब मंगल बुध के स्वामित्व की राशि कन्या में प्रवेश करते हैं तो इस स्थिति में बात कई मायनों में असर डालने वाली होती है. मंगल का प्रभाव थोड़ा शांत होता है लेकिन अब साहस में अलग ही प्रकार की छाप भी देखने को मिलती है. कन्या में जो सोच और धैर्य होगा उसका प्रभाव भी मंगल पर होगा इसलिए इस गोचर में मिलेजुले फलों की प्राप्ति अधिक देखने को मिल सकती है.
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