किसी भी व्यक्ति के जीवन में ग्रहों और राशि परिवर्तन का काफी महत्व होता है।
ग्रहों के राशि परिवर्तन से व्यक्ति के जीवन पर इसका अच्छा और बुरा असर देखने को मिलता है। गोचर का अर्थ होता है गमन यानी चलना। गो यानि नक्षत्र या ग्रह और चर का मतलब होता है चलना। इस तरह गोचर का सम्पूर्ण अर्थ निकलता है ग्रहों का चलना। ऐसे में आपके लिए यह जानना काफी जरूरी होता है कि कब कौन सा ग्रह किस राशि में गोचर कर रहा है। जानते है मंगल गृह के गोचर का बारे में।
मंगल पौष शुक्ल पक्ष त्रयोदशी 16
जनवरी 2022 रविवार की रात 12:55 बजे से देवगुरू बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश करेंगे जहां फाल्गुन कृष्ण पक्ष नवमी 25 फरवरी दिन शुक्रवार को शाम 6 बजकर 45 मिनट तक रहेंगे।
• ग्रहों में मंगल को सेनापति का पद प्राप्त है।
• मंगल को भूमि, भवन, वाहन ,सेना ,सेनाध्यक्ष, पुलिस बल, सम्पूर्ण रक्षा तंत्र, आग, बल, पौरुष एवं ऊर्जा का कारक ग्रह माना गया है।
• ऐसे में इनके राशि परिवर्तन का सभी कारक तत्वों पर प्रभाव पड़ेगा।
• गोचर का शुभ फल- कुंडली में लग्न राशि से तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव में होता है।
• बाकी बचे भावों में गोचर का अशुभ फल बताया गया है।
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