इन विशेषताओं वाली कन्याएं होती हैं बहुत ही भाग्यशाली
समुद्र शास्त्र ज्योतिष शास्त्र का ही एक अंग माना जाता है। कहते हैं कि इसकी रचना भगवान कार्तिकेय द्वारा कि गई थी। अपितु ऐसी मान्यता है कि समुद्र देव ने इसे सुरक्षित रखा था और इसी कारण इसे समुद्र शास्त्र के नाम से संबोधित किया जाता है। समुद्र शास्त्र हमारे शरीर की बनावट के आधार पर हमारे जीवन से जुड़ी बातें बताता है। समुद्र शास्त्र आपके गुणों और आपके स्वभाव के बारे में बताते हुए आपका भाग्य बताने की सक्षमता रखता है। समुद्र शास्त्र में कई चीज़ों की व्याख्या की गई है मगर हम आज इनमें से एक विशेष विषय पर चर्चा करेंगे। समुद्र शास्त्र में स्त्रियों के संबंध में ये कहा गया है कि जिस भी स्त्री में कुछ विशिष्ट लक्षण पाएं जाते हैं उन स्त्रियों का भाग्य बेहद अच्छा होता है। कहते हैं ऐसी स्त्रियों को जीवन में सारे सुख प्राप्त होते हैं। तो आइए जानते हैं कौन से होते हैं वो लक्षण।
श्लोक
पुरनाचंद्रमुखी या च बालसुर्य-समप्रभा।
विशालनेत्रा विंबोष्ठी सा कन्या लभते सुखम् ।१।
या च कांचनवनार्भ रक्तपुष्परोरूहा।
सहस्त्राणां तु नारीणां भवेत् सापि पतिव्रता ।२।
अर्थ
अगर किसी लड़की का चेहरा गोल और गोरे रंग का हो तो को काफ़ी शुभ माना जाता है। बड़ी आंखें और हल्के लाल होंठ होना भी अच्छा बताया गया है। कहा गया है कि ऐसी कन्याओं को ज़िंदगी में हर तरह का सुख मिलता है। शरीर का रंग अगर यदि सोने की भांति चमकदार हो या हाथों में गुलाबीपन हो तो ऐसी महिलाएं अपने पति के प्रति काफ़ी समर्पित होती हैं।
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