दिक ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रह दो वर्गों में विभाजित हैं: शुभ ग्रह और अशुभ ग्रह। शुभ ग्रह हमें शुभ फल देते हैं। वे हैं चंद्रमा, बुध, बृहस्पति और शुक्र। अशुभ ग्रह जातक को अशुभ फल देते हैं। ये हैं सूर्य, मंगल, शनि, राहु और केतु। हम अक्सर सोचते हैं कि उन्हें अशुभ ग्रह क्यों कहा जाता है जबकि कई बार ये अच्छे परिणाम भी देते हैं।
वैदिक ज्योतिष में जन्म कुंडली में ग्रहों की व्यवस्था का विश्लेषण करने के बाद उपाय सुझाए गए हैं जो प्रभावी और सही भी हैं। यह जीवन पर शुभ और अशुभ ग्रहों के प्रभाव को भी बताता है। इसलिए यदि आप जीवन में समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो आपको किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए। यह आपके जीवन को और अधिक आनंदमय और शांतिपूर्ण बना सकता है।
यदि सूर्य मेष राशि में हो, मंगल मकर राशि में हो, शनि तुला राशि में हो, राहु मिथुन राशि में हो और केतु धनु राशि में हो, तो वे प्रतिष्ठित या गौरवशाली ग्रह कहलाते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि कोई ग्रह कुंडली में उच्च का हो तो उसे शुभ ग्रह माना जाता है। अत: ये ग्रह इन स्थितियों में स्थित होने पर भी अशुभ नहीं होते हैं।
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