लगभग हम सभी नवग्रहों के बारे में सुपरिचित हैं। शास्त्रानुसार जिनके नाम हैं- सूर्य, बृहस्पति, मंगल, शनि, बुध, चन्द्र, शुक्र, राहु और केतु। ज्योतिष के अनुसार, हम सबके जीवन में कुण्डली के ग्रहों का विशेष योगदान होता है। हमारे जीवन में घटित किसी भी शुभ-अशुभ कार्य हेतु ग्रहों की चाल व स्थान का विशेष महत्व है। उक्त समस्त ग्रहों का अपना-अपना कार्य होता है, जिसके पीछे उनकी कार्यशैली व भूमिका निहित होती है।
हम बताने जा रहे नवग्रहों में से कर्मफल दाता शनि के बारे में और उनके जन्म से कर्मफल दाता बनने के उद्देश्य के बारे में।
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