गुरु 14 सितंबर को 11.43 AM से मकर राशि में गोचर करना शुरू करेगा और 21 नवंबर तक इसी राशि में रहेगा। जानिए किन राशि वालों के धन मामलों के लिए ये गोचर अत्यंत ही लाभकारी साबित होना वाला है। ज्योतिष अनुसार गुरु का राशि परिवर्तन काफी अहम माना जाता है। गुरु धनु और मीन राशियों के स्वामी ग्रह हैं। ये कर्क राशि में उच्च के तो मकर राशि में नीच के माने जाते हैं। इस ग्रह को भाग्य और सम्मान प्राप्ति का मुख्य कारक ग्रह माना जाता है। गुरु का गोचर नए अवसर लेकर आता है। गुरु 14 सितंबर को 11.43 AM से मकर राशि में गोचर करना शुरू करेगा और 21 नवंबर तक इसी राशि में रहेगा। जानिए किन राशि वालों के धन मामलों के लिए ये गोचर अत्यंत ही लाभकारी साबित होना वाला है।न्याय के देवता शनि और देव गुरु बृहस्पति को ज्योतिष शास्त्र में उच्च स्थान प्राप्त है। ये दो बड़े ग्रह14 सितंबर को मकर राशि में एक साथ होंगे। ज्योतिष शास्त्र की गणनाओं के अनुसार, देव गुरु बृहस्पति 14 सितंबर को राशि परिवर्तन करते हुए मकर राशि में प्रवेश करेंगे और ये इस राशि में 21 नवंबर 2021 तक विराजमान रहेंगे। वहीँ शनि मकर राशि में पहले से ही विराजमान हैं। शनि मकर राशि में 24 जनवरी 2020 को गोचर किया था। शनिदेव 29 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि में गोचर करेंगे। इसके पहले तक शनिदेव अपनी स्वराशि मकर में ही विराजमान रहेंगे। इन दो बड़े ग्रहों के एक साथ मकर राशि में रहने से कुछ राशि वालों की किस्मत खुलने वाली है। आइये जानें भविष्यफल
कहीं आप किसी ग्रह दशा से प्रभावित तो नहीं? पूछिए प्रसिद्ध ज्योतिषी से