ज्योतिष के संदर्भ में बृहस्पति को ज्योतिष और ग्रह प्रणाली में अत्यधिक शुभ ग्रह माना जाता है। पुनर्वसु नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र और पूर्व भाद्रपद नक्षत्र का स्वामी ग्रह बृहस्पति है। विभिन्न बारह राशियों में, धनु और मीन राशि पर बृहस्पति का शासन माना जाता है और बृहस्पति कर्क राशि में उच्च का होता है।
बृहस्पति का विशेष गुण व्यक्ति के जीवन में पूर्ण विकास, निर्दोषता और जीवन के विस्तार का सूचक है। बृहस्पति
धर्म, ज्ञान, दर्शन, घरेलू जीवन और संतान से संबंधित विषयों के संतुलन का प्रतिनिधित्व करता है। बृहस्पति का संबंध शिक्षा, ज्ञान और ज्ञान के प्रसार से भी है। जिन लोगों की कुंडली में गुरु उच्च का होता है, उनके जीवन में गुरु की कृपा से सभी प्रकार की शुभ प्रगति होती है और व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। बृहस्पति व्यक्ति को आध्यात्मिक शक्ति, आध्यात्मिक शक्ति और ज्ञान भी प्रदान करता है।
साल 2021 में बृहस्पति रविवार 21 नवंबर 2021 को सुबह करीब 2.05 बजे कुंभ राशि में गोचर करेंगे। बृहस्पति 13 अप्रैल 2022 तक ही कुंभ राशि में गोचर करेगा। नीचे जानिए सभी बारह राशियों पर बृहस्पति के
गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा:
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