बृहस्पति ज्योतिष शास्त्र में ज्ञान ओर शुभता की
स्थिति को दर्शाते हैं इन्हीं के द्वारा जातक के जीवन में संपत्ति, वैवाहिक और पारिवारिक जीवन को प्रगति मिलती है. सामाजिक स्तर पर शुभ कार्यों को करने कि प्रवृत्ति आती है, लेकिन इस समय क्रोध की अधिकता बढ़ सकती है. इसके साथ ही काम में जल्दबाजी भी होगी. पर ये समय कुछ ऎसी स्थिति पैदा कर सकता है जिसको लेकर लोगों के मध्य भ्रम पैदा हो सकता है. शुभ ग्रह अपने विपरित चाल के प्रभाव से जन समूह को बहुत आसानी से
प्रभावित कर लेते हैं क्योंकि तब जोड़तोड़ का समय काम करता है. ऎसे समय पर चारों ओर के परिवेश में बदलाव दिखाई देते हैं. काम के क्षेत्र में अवसरों की प्राप्ति का समय है. इस समय के दौरान बौद्धिकता से जुड़े हुए काम आगे बढ़ सकते हैं. शिक्षकों लेखकों और मिडिया कर्मियों को अच्छा लाभ मिल सकता है. बुद्धिजीवी वर्ग में इस समय असंतोष की स्थिति भी अधिक दिखाई देगी वैचारिक गतिरोध भी होंगे लेकिन हल भी प्राप्त होंगे. जिनके कुंडली में बृहस्पति ज्यादा महत्वपूर्ण है, वह लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाएंगे.
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