14 सितंबर 2021 को गुरु का गोचर एक कुंभ
राशि से निकल कर मकर राशि में होने वाला है. गुरु इस समय कुंभ राशि में गोचर कर रहे थे लेकिन अब वक्री अवस्था में ही गुरु मकर राशि में प्रवेश करने वाले हैं. वक्री गुरु का ये राशि परिवर्तन का फी महत्वपूर्ण रहने वाला होगा. अब इस समय पर गुरु एक बार फिर से शनि के साथ
दिखाई देंगे. ऎसे में दो वक्री ग्रहों का मकर राशि में गोचरस्थ होना अचानक से होने वाले बदलावों की ओर संकेत देने वाला है. यह स्थिति सामाजिक, राजनीतिक स्थिति पर तो असर डलेगी ही साथ ही इस समय पर वातावरण एवं भौगौलिक स्थितियों में भी चेंज अवश्य देखने को मिलेगा. इस
समय पर देश के ही नही अपितु विश्व के कुछ भागों पर भूकंप, वाद-विवाद, धार्मिक झगड़े, बाढ़ इत्यादि प्राकृति आपदाएं भी देखने को मिल सकती हैं. ज्योतिष अनुसार वक्री ग्रहों का प्रभाव अत्यंत ही महत्वपूर्ण समय होता है. ऎसे में जब दो व्रकी ग्रह एक साथ होकर किसी राशि
को प्रभावित करते हैं तो इसके फलों में अचानक से चेंज आता ही है. यह स्थिति सभी राशियों पर अपना असर डालने वाली भी होगी. आईये जानते हैं कैसा रहेगा वक्री गुरु का मकर राशि में गोचर का अन्य सभी राशियों पर प्रभाव
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