घर में निर्माण में वास्तु शास्त्र का विशेष मह्त्व होता है बगैर दिशाओं के उचित ज्ञान घर का निर्माण हमारे लिए घातक साबित हो सकता है। मुख्य रूप से पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण ये चार दिशाएं होती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन चार दिशाओं में से उत्तर दिशा भगवान कुबेर की दिशा मानी जाती है। जो धन के देवता कहे जाते है इसलिए घर बनवाते समय हमेशा हमें दिशाओं का ज्ञान होना आवश्यक होता है।
वास्तु शास्त्र में ऐसा माना गया है कि उत्तर दिशा का वास्तु अगर घर में सही हो तो परिवार में धन-समृद्धि का आगमन होता है। वास्तु के अनुसार,उत्तर दिशा को ध्यान में रखते हुए घर का निर्माण करवाना चाहिए। घर-परिवार के लोग स्वस्थ रहते हैं और आर्थिक स्थिति भी अच्छी होती है।
कभी कभी घरों की दीवार में दरार आ जाते है वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखकर जब हम घर का निर्माण करते है तो घर की दीवारों में दरार अशुभ माना जाता है। ये घर-परिवार में वाद-विवाद जैसे समस्याओं को बढ़ावा देते है। ऐसे में घर के सदस्यों के बीच वाद विवाद से बचने के लिए हमे ध्यान रखना जरूरी है कि उत्तर दिशा में किसी भी तरह से कोई दीवार में दरार ना आ पाए, ऐसा देखने को मिलता है तो उसे तुरंत ठीक करवाना चाहिए।
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