गरुण पुराण मैं ऐसी कई सारी बातें हैं जिन्हें कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में लागू करके अपने जीवन को सुधार सकता है। गरुण पुराण में मृत्यु के बाद सद्गति पाने के भी कई सारे उपाय मौजूद है। गरुड़ पुराण को सनातन धर्म के 16 बड़े पुराणों में से एक माना जाता है। इसके मुख्य देवता भगवान विष्णु है। लोगों की ऐसी मान्यताएं हैं कि गरुड़ पुराण में जो भी कुछ प्रस्तुत किया गया है और लिखा हुआ है उसके बारे में स्वयं सृष्टि के रचेता भगवान विष्णु ने बखान किया है। इस पुराण में भगवान विष्णु के वाहन गरुण और नारायण के बीच हुई बातचीत का पूरा जिक्र हुआ है। जिसमें भगवान से उनके वाहन गरुण में बहुत सारे प्रश्न पूछे और जिनका भगवान ने उत्तर भी दिया। गरुड़ पुराण स्वर्ग नरक पाप पुण्य मृत्यु के बारे में तो बातें बताता ही है बल्कि साथ-साथ ज्ञान यज्ञ जप नियम नीति विधि विधान इन सब की जानकारी भी बहुत अच्छे से देता है। गरुड़ पुराण में ऐसी कई सारी बातें हैं जिनको आप अपने जीवन में उतार कर अपने जीवन का उद्धार कर सकते हैं और मृत्यु के बाद भी स्वर्ग में जगह पा सकते हैं। तो आइए जानते हैं गरुड़ पुराण में मौजूद हूं पांच आदतों के बारे में जिन्हें अगर आपने जल्दी नहीं छोड़ा तो सफलता आपके करीब कभी नहीं आएगी ।
गरुण पुराण में मौजूद इन 5 आदतों को छोड़े और सफलता प्राप्त करें
1. गुस्सा नहीं करें
विद्यालयों में यह चीज बहुत जरूरी तौर पर सिखाई जाती है कि किसी भी व्यक्ति को क्रोध नहीं करना चाहिए। गुस्सा और क्रोध किसी भी व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु होता है क्योंकि कोई भी व्यक्ति क्रोध में अपने सोचने समझने की क्षमता को खो देता है और बिना सोचे समझे फैसले लेता है। बिना सोचे समझे फैसले अक्सर बहुत गलत हो सकते हैं जिनका नतीजा आपको बहुत कुछ खोकर चुकाना होगा। इसलिए गरुड़ पुराण में यह बताया गया है कि आपको अपने क्रोध की आदत को छोड़ देना चाहिए क्योंकि यह आपकी सफलता के रास्ते में रुकावट के तौर पर काम करता है।
2. जलन या ईर्ष्या
इस दुनिया में हर किसी को सब कुछ बराबर नहीं मिलता है सबको सब की मेहनत के अनुसार ही सब कुछ मिलता है। ऐसे में ईर्ष्या किसी भी व्यक्ति में बहुत ही प्राकृतिक भाव होता है। लेकिन इस ईर्ष्या को किसी भी व्यक्ति को अपने ऊपर हावी होने नहीं देना चाहिए। जो व्यक्ति अपनी चीजों पर मेहनत ना करके दूसरे को नीचे गिराने की कोशिश करता है या उसके बारे में सोचता है वह व्यक्ति अपना समय बर्बाद करता है और अपनी काबिलियत के साथ साथ सफलता को भी खो देता है।
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3. आलस
सफलता पाने का सबसे मुख्य तरीका होता है जोश से काम करना। अगर कोई भी काम करते वक्त आपके अंदर होश और जोश दोनों ही नहीं है तो इसका मतलब है कि आपको वह सफलता नहीं मिलेगी। इसलिए अपने काम को करते वक्त आलस को बिल्कुल ही दूर कर दें। अगर आप टैलेंटेड हैं लेकिन आप में आलस भरा हुआ है और अपने काम को करते वक्त आप आलस को हरा नहीं पाते हैं तो आप सफलता कभी नहीं पा सकते हैं।
4. सूझ बुझ
किसी भी कार्य को करने से पहले उसके अच्छे और बुरे दोनों ही परिणामों के बारे में जान लेना और समझ लेना बहुत जरूरी है। ऐसे में इससे आपको फायदा यह होता है कि आपको चीजों के बारे में अच्छा ज्ञान हो जाता है और उसे करने या ना करने का सही फैसला करने का मौका मिल जाता है। इसलिए जो भी काम शुरू करें उसे बहुत सूझबूझ के साथ ही करना चाहिए वरना आपको कई प्रकार के नुकसान झेलने पड़ सकते हैं।
5. चिंता
हमारे बड़े बुजुर्ग कह गए हैं कि चिंता चिता समान होती है। ऐसे में किसी भी कार्य को करने से पहले चिंता को बिल्कुल त्याग दीजिए। इसलिए नए कार्य को शुरू करने से पहले अपने पुराने चिंताओं को भूल जानी चाहिए और एक सद्बुद्धि के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
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