जीवन और मृत्यु इस सृष्टि का एक परमसत्य है, लेकिन इन बीच की जो जीवन जीने का तरीका और आपको क्या करना चाहिए क्या नहीं।
गरुड़ पुराण जीवन जीने की एक ऐसा महापुराण है, जिसमें जीवन और मृत्यु के तमाम रहस्यों को स्वयं नारायण ने उजागर किया है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने अपने वाहन गरुड़ की जिज्ञासा को शांत करते हुए उनके तमाम सवालों का विस्तारपूर्वक जवाब दिया था। उन्हीं सवाल और जवाबों का संक्षिप्त वर्णन गरुड़ पुराण में दिया गया है।
गरुड़ पुराण के आचारकांड में नीतिसार अध्याय है। इसमें सुखी जीवन के कई तरीके बताए गए हैं। इनको जीवन में उतारकर तमाम परेशानियों से बचा जा सकता है। जिन्हें कभी भी बीच में नहीं छोड़ना चाहिए वर्ना ये मुसीबत की वजह बन सकते हैं। गरुड़ पुराण में कुल 19 हजार श्लोक हैं, जिसमें से 7 हजार श्लोक में सिर्फ ज्ञान, धर्म, यज्ञ, तप, नीति, रहस्य आदि से जुड़ी तमाम बातें कही गई है। इससे ये स्पष्ट है कि गरुड़ पुराण सिर्फ मृत्यु के बाद की स्थितियों का वर्णन नहीं करता, ये लोगों को व्यावहारिक जीवन से जुड़ी तमाम बातें भी सिखाता है। आज ऐसे गुरूड़पुराण की कुछ बातें कहेंगे जो जीवन जीने की सादगी को बतलाती हों।
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