अक्सर हम अपने बचपन की कथानक -कहानियों में सुना करतें थे कि स्वर्ग {Heaven } कैसा होता हैं , नर्क {Hell } में व्यक्ति को किस प्रकार की यातनाएं मिलतीं हैं। बचपन की कहानियों का आगे जाकर मर्म समाप्त होने लगता हैं लेकिन हमारे ज्योतिष शास्त्र {
Astrology } के अनुसार स्वर्ग नर्क की कहानियों के पीछे सत्यता भी होती हैं। हमें अपने घर के बड़े बुजुर्गों {older generation }द्वारा यह सीख{Lessons } दी जातीं हैं कि हमें सदा सही का साथ देना चाहिए , व्यक्ति को हमेशा सदमार्ग का चयन करना चाहिए। जीवन में चाहे कैसी भी परिस्थिति आए कभी भी गलत रास्ते का चुनाव नहीं करना चाहिए। दरसल बचपन में यह कहानी इसलिए सुनाई जाती थी ताकि हमें प्रेरणा मिले जीवन में सही रास्ते का चुनाव कर उसपर आगे बढ़ने का। गौरतलब हैं मृत्यु तथा जीवन मृत्यु से सबंधित सभी प्रकार का ज्ञान गरुड़ पुराण {Garuad Puran } में बताया गया हैं।
गरुड़ पुराण के अनुसार व्यक्ति को उसके जीवन में किए गए
कर्मों {Karm } के आधार पर ही स्वर्ग अथवा नर्क की प्राप्ति होती हैं। गरुड़ पुराण में व्यक्ति के कर्मों को धर्म {Dharma } तथा अधर्म {Adharma } से जोड़कर बताया गया हैं। इसके साथ ही इस विषय के बारे में भी जानकारी दी गयी हैं कि किस प्रकार के कार्य या कर्म करने से स्वर्ग और कैसे कर्म करने से नर्क की यातनाएं भोगने पड़ते हैं। आइए इस लेख के माध्यम से जानतें हैं कि व्यक्ति के किन कर्मों के कारण स्वर्ग अथवा नर्क की प्राप्ति होती हैं :
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