गणेश चतुर्थी का दिन गणपति जी के पूजन से संबंधित होता है इस दिन सभी संकटों को हरने वाले श्री गणेश जी का आहवान किया जाता है.
पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि के शुभ अवसर पर श्री गणेश जी का पूजन करने से सभी प्रकार के दोष और कलेश हो जाते हैं दूर. चंद्रमा का पूजन भी इस समय पर किया जाता है और इसके द्वारा किसी भी प्रकार के ग्रह दोष की समाप्ति संभव हो पाती है. किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पूर्व सर्वप्रथम भगवान श्री गणेश को याद किया जाता है. विघ्नेश्वर, विघ्नहर्ता भगवान गणेश प्रसन्न होने पर भक्तों की सभी परेशानियों को हर लेते हैं.
गणेश पूजा में चंदन, केसर, हल्दी, कुमकुम, सुंगंधित इत्र एवं पुष्पों को अर्पित किया जाता है. नारियल, फल और तांबूल भी अर्पित किया जाता है. चतुर्थी योग गणेश पूजन के लिए सिद्धिदायक होता है. इस दिन विधिवत उपवास व पूजा करने से समस्त शुभ फलों की प्राप्ति होती है. भगवान श्री गणेश जी को मुख्य रुप से दूर्वा और मोदक का भोग लगाने से गणेश जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं.
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