सभी देवी देवताओं में विघ्नहर्ता गणेश जी {Lord Ganesh } प्रथम पूज्य हैं सर्वप्रथम उन्हीं की पूजा की जाती है, उनके बाद अन्य देवताओं की पूजा की जाती है। किसी भी कर्मकांड में श्री गणेश की पूजा-आराधना सबसे पहले की जाती है क्योंकि गणेश जी विघ्नहर्ता हैं, और आने वाले सभी विघ्नों को दूर कर देते हैं। श्री गणेश जी लोक मंगल के देवता हैं, लोक मंगल उनका उद्देश्य है परंतु जहां भी अमंगल होता है, उसे दूर करने के लिए श्री गणेश अग्रणी रहते हैं। गणेश जी रिद्धि और सिद्धी के स्वामी हैं, इसलिए उनकी कृपा से संपदा और समृद्धि का कभी अभाव नहीं रहता है। श्री गणेश जी को दूर्वा और मोदक {Modak }अत्यंत प्रिय है।बौद्धिक ज्ञान , विवेक , बल के देवता कहे जाने वाले गणपति के आशीर्वाद से व्यक्ति का बौद्धिक विकास होता है। इसीलिए भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए सच्चे मन और पूर्ण श्रद्धा से आराधना करते हैं। भक्त गणपति की पूजा करते समय छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते हैं, ताकि उनसे कोई गलती ना हो जाएं। लेकिन अक्सर जानकारी न होने के अभाव में वे भगवान गणेश जी को ये कुछ वस्तुएं अर्पित करने से भूल जातें हैं । सर्व प्रथम मोदक का भोग और दूसरा दूर्वा (एक प्रकार की घास) और तीसरा शुद्ध घी । ये तीनों ही भगवान गणपति को बेहद प्रिय हैं। इसलिए ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति यह वस्तुयें भगवान गजानन को अर्पित करता हैं भगवान उनके सारे विघ्न हर लेतें हैं।
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