इस वर्ष गणेश चतुर्थी का पर्व 10 सितम्बर 2021, दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। तिथि के अनुसार यह पर्व भाद्रपद माह की शुक्लपक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। इसका समापन धूमधाम से अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन के साथ होता है। यह पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। महाराष्ट्र में इस पर्व की तैयारियां महीनों पहले से शुरू हो जाती है। महाराष्ट्र में यह महापर्व के रूप में मनाया जाता है। जब तक गणेश जी घर पर रहें नियमित रूप से गणेश चालीसा, गणेश पुराण, गणेश आरती करें। सहृदय भक्ति एवं पूजा पाठ करने से विघ्नहर्ता आपके सारे विघ्न हर लेते हैं। लोग घरों एवं सार्वजनिक पंडाल में गणपति जी की स्थापना करते हैं और नियमित रूप से आरती एवं सेवा करते हैं। लोगों में एक विशेष उत्साह देखने को मिलता है। जब घर में गणेश जी की स्थापना होती है तो वास्तु के अनुसार कई बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे किसी तरह का अशुभ ना हो। अपने बेडरूम में गणेश जी की मूर्ति ना स्थापित करें इसे अशुभ माना जाता है आपसी कलह होती है, तनाव बना रहता है। बाथरूम की दीवार के पास गणेश जी की मूर्ति की स्थापना न करें। वास्तु के अनुसार नृत्य करती हुई गणेश जी की मूर्ति न तो अपने घर लाएं न ही किसी को गिफ्ट करें। इससे अपने एवं दूसरे के घर पर कलह हो सकती है तनाव बढ़ सकता है। घर में गणपति जी की मूर्ति ऐसी लाएं जिनकी सूंड बायीं तरफ हो, दायीं तरफ वाली सूंड के गणेश जी हठी होते हैं वो देर से प्रसन्न होते हैं। उनके लिए विशेष पूजा करनी पड़ती है। उनको खुश करना कठिन कार्य होता है। लड़की की शादी में गणेश जी की मूर्ति ना दें ऐसा करने से घर की समृद्धि चली जाती है। ऐसी मूर्ति की स्थापना करें जिसमें गणपति बैठे हों, ऐसी मूर्ति शुभ एवं लाभकारी मानी जाती हैं। ऐसी मूर्ति लाएं जिसमें वाहन जरूर हो, वाहन ना हो तो यह अशुभ माना जाता है। नवविवाहित जोड़े को घर पर बाल स्वरूप गणपति की स्थापना करनी चाहिए जिससे आज्ञाकारी संतान की प्राप्ति होती है। नौकरी से जुड़ी समस्याओं के लिए सिंदूर स्वरूप में बप्पा की स्थापना करनी चाहिए।
क्या है गणपति बप्पा की पसंद का प्रसाद, भोग लगाएं प्रसन्न करें
ललिता सप्तमी को ललिता सहस्त्रनाम स्तोत्र के पाठ से लक्ष्मी माँ की बरसेगी अपार कृपा, - 13 सितम्बर, 2021