धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश का प्रकट के हुआ था भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर श्री गणेश भगवान का जन्मोत्सव बनाते हैं हर वर्ष इस चतुर्थी को गणेश चतुर्थी कहा जाता है विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है बहुत से भक्त गणेश चतुर्थी के दिन व्रत रखते हैं श्री गणेश जी का तथा पूजा अर्चना करते हैं जिससे उनकी मनोकामना पूर्ण हो सके और संकटों से मुक्ति मिले भगवान गणेश जो रिद्धि सिद्धि के दाता हैं लाभ के प्रदाता हैं विघ्न बाधाओं को हराने वाले हैं समस्त प्रकार की कामनाओं को पूर्ण करने वाले हैं उनका जन्म उत्सव गणेश चतुर्थी के दिन जब हम बनाते हैं तो हमारी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है भगवान गणेश का जन्म उत्सव गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक पूरे 10 दिनों तक भक्त गण पूरे धूमधाम से एक त्यौहार की तरह बहुत उत्साह से मनाते हैं गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश की मिट्टी की मूर्ति लाकर भक्त अपने घर में स्थापित करते हैं दोनों समय पूजा अर्चना करते हैं सुबह शाम दोनों समय गणेश भगवान की आरती की जाती है वह दोनों समय भोग भी लगाया जाता है और पूरा दिन पूरा समय भगवान श्री गणेश जी की सेवा में व्यतीत किया जाता है इस प्रकार हम श्री गणेश जी की पूजा अर्चना करते तो हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं अर्थात इस दिन श्री गणेश भगवान कि कृपया प्राप्त करने के लिए व्रत व पूजा की जाती है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो भगवान श्री गणेश जी अपने भक्तों पर कृपालु होकर उनकी सभी इच्छा पूर्ण करते है अगर आप इस विशेष अवसर का फायदा उठाना चाहते हैं तो यह कुछ उपाय विधि पूर्वक करें।
जीवन के संकटों से बचने हेतु जाने अपने ग्रहों की चाल, देखें जन्म कुंडली