फेंगशुई के अनुसार बांस के पौधे को घर में रखना शुभ माना जाता है परंतु क्या आप जानते है फेंगशुई क्या है दरअसल पंक्चुएशन का
वास्तु शास्त्र है उसमें भी व भारतीय वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में रखी जाने वाली पवित्र चीजों और उनकी व्यवस्थाओं को बताया गया है. फेंग शुई चीन की वास्तुकला है, जिसका शाब्दिक अर्थ है हवा और पानी। हवा और पानी का सही संतुलन ही फेंग शुई है। हवा से सुख की अनुभूति होती है और पानी से तृप्ति। जिस प्रकार भारतीय वास्तु शास्त्र में प्रकृति के पांच तत्वों-अग्नि, एक-दूसरे से दो तरीके से संबंध किया गया है। पहला है उत्पादक चक्र व दूसरा है विनाशक चक्र।
चीनी वास्तु शास्त्र के अनुसार फेंग शुई के पांच तत्वों को एक-दूसरे से दो तरीके से संबंध किया गया है। पहला है उत्पादक चक्र व दूसरा है विनाशक चक्र।
फेंग शुई के महत्वपूर्ण उपकरण : बागुआ : फेंग शुई के अनुसार प्रत्येक वस्तु एक प्रकार की ऊर्जा उत्पन्न करती है, वह ऊर्जा नकारात्मक भी हो सकती है और सकारात्मक भी। यिन अर्थात नकारात्मक ऊर्जा और यांग अर्थात सकारात्मक ऊर्जा। यिन और यांग एक दूसरे के पूरक हैं जैसे रात और दिन, स्त्री और पुरुष, मृत्यु और जीवन। काला रंग यिन का प्रतीक है और सफेद रंग यांग का। ये दोनों चिह्न बागुआ के मध्य में होते हैं और आठों दिशाओं में आठ डाईग्राम होते हैं।
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