किन्नर समाज , ईश्वरीय सरंचना का अनूठा रूप हैं। भारत देश में कोई भी शुभ कार्य बिना किन्नर के आशीर्वाद से पूर्ण नहीं होता हैं। भारतीय शास्त्र में किन्नर समाज का एक महत्व पूर्ण स्थान हैं। शादी विवाह का अवसर हो या जन्मोस्तव हो या घर में कोई मांगलिक कार्य का आयोजन हो तो किन्नर को जरूर आमंत्रित किया जाता है, दरसल जानकारों की मानें तो किन्नर समाज की उपस्थिति बहुत शुभ मानी जातीं हैं। ज्योतिष आचार्य की मानें तो किन्नर की दुआ व्यक्ति के जीवन को पलट कर रख देतीं हैं , इसके साथ ही इनकी बदुआ भी बहुत जल्द फलित हो जातीं हैं। किन्नर की वाणी बहुत प्रबल मानीं जातीं हैं तथा ऐसा कहा जाता हैं कि इनके द्वारा दी गयी दुआ हो या फिर कोई कठोर शब्द , वो बहुत जल्द ही असर करतीं हैं। ऐसे में हर कोई संभव प्रयास करता हैं कि किन्नर समाज इनसे कभी रुष्ट ना हो तथा इनसे केवल दुआ और शुभेछा ही प्राप्त हो। ऐसी मान्यता हैं कि किन्नरों के आशीर्वाद से जीवन में सुख और समृद्धि आतीं हैं तथा इन्हें दान करने से पुण्य की भी प्राप्ति होती हैं और जीवन में सफलता की भी प्राप्ति होतीं हैं , इसी कारण लोग दिल खोलकर किन्नर समाज को विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का दान करतें हैं तथा इनके आशीर्वचनों को प्राप्त करतें हैं। किन्नर समाज को दान करने से तो अप्रत्याशित लाभ तो होता ही हैं लेकिन इन्हें दान देने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है अन्यथा लाभ जगह हानि हो जाती है I आइए जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किन वस्तुओं का दान किन्नर समाज के लिए निषेध माना गया हैं:
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