4 नवंबर को दीवाली मनाने के बाद 10 नवंबर को छठ का पावन पर्व मनाया जाएगा। छठ का पर्व हर साल
दीवाली के 6 दिन बाद मनाया जाता है। छठ सूर्य देवता के लिए किया जाने वाला पर्व है। ये पर्व संतान की प्राप्ति और उसके सुखी जीवन के लिए किया जाता है।
छठ पूजा हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को आयोजित होता है। ये पर्व मुख्यत: 3 दिन तक किया जाता है। छठ का व्रत बिहार के सबसे कठिन व्रतों में से एक होता है। छठ के दिन शाम को डूबते हुए सूरज को अर्ध्य दिया जाता है, वहीं दूसरे दिन प्रात: काल उगते हुए सूरज को अर्ध्य दिया जाता है। छठ के एक दिन पहले खरना की विधि होती है।
छठ का पर्व मुख्य रूप से बिहार का लोकपर्व है,लेकिन ये देश के अन्य हिस्सों में भी मनाया जाता है। इस साल 8 नवंबर को नहाय खाय से छठ पूजा का आरम्भ किया जाएगा। 9 नवंबर को खरना की पूजा होगी। फिर 10 नवंबर को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा । अंत में 11 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा का समापन किया जाएगा।
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