छठ पर्व पर सूर्य देव की पूजा का बहुत महत्व होता है, सूर्य को इस दिन शाम को और दूसरे दिन सुबह अर्घ्य दिया जाता है। आखिर सूर्य को अर्घ्य देने से क्या होगा और क्यों देते हैं सूर्य को
अर्घ्य, जानिए सूर्य को अर्घ्य देने के फायदे। छठ पर्व चार दिन का होता है। कार्तिक शुक्ल चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी और सप्तमी। षष्ठी के दिन शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। यह एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है जिसे संध्या अर्घ्य कहते हैं। इस समय सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं। इसीलिए प्रत्यूषा को अर्घ्य देने का लाभ मिलता है। कहते हैं कि शाम के समय सूर्य की आराधना से जीवन में संपन्नता आती है। षष्ठी के दूसरे दिन सप्तमी को उषाकाल में सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाता है जिसे पारण कहते हैं। अंतिम दिन सूर्य को वरुण वेला में अर्घ्य दिया जाता है। यह सूर्य की पत्नी उषा को दिया जाता है। इससे सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। कहते हैं कि सुबह के सूर्य की आराधना से सेहत बनती है, रोग मिटते हैं, दोपहर की सूर्य आराधना से नाम और यश बढ़ता है और शाम के समय की आराधना से जीवन में संपन्नता आती है।
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