आचार्य चाणक्य को ही कौटिल्य, विष्णु गुप्त और वात्सायन कहते हैं। चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है, चाणक्य को अर्थशास्त्र के साथ साथ कई अन्य विषयों की भी गहरी जानकारी थी. आचार्य चाणक्य को राजनीति शास्त्र और कूटनीति
शास्त्र के साथ समाजशास्त्र की भी गहरी जानकारी थी.उनकी रणनीतियों ने मौर्य साम्राज्य को हर तरह से बहुत मदद की। उन्हें सड़कों से चंद्रगुप्त मौर्य को उठाकर सम्राट बनाने के लिए जाना जाता है। मौर्य वंश के उदय के पीछे चाणक्य का दिमाग था।
चाणक्य नीति या चाणक्य नीतिशास्त्र, चाणक्य द्वारा रचित एक नीति ग्रन्थ है। संस्कृत-साहित्य में नीतिपरक ग्रन्थों की कोटि में चाणक्य नीति का महत्त्वपूर्ण स्थान है। इसमें सूत्रात्मक शैली में जीवन को सुखमय एवं सफल बनाने के लिए उपयोगी सुझाव दिये गये हैं। इसका मुख्य विषय मानव मात्र को जीवन के प्रत्येक पहलू की व्यावहारिक शिक्षा देना है। इसमें मुख्य रूप से धर्म, संस्कृति, न्याय, शांति, सुशिक्षा एवं सर्वतोन्मुखी मानव जीवन की प्रगति की झाँकियां प्रस्तुत की गई हैं। इस नीतिपरक ग्रंथ में जीवन-सिद्धान्त और जीवन-व्यवहार तथा आदर्श और यथार्थ का बड़ा सुन्दर समन्वय देखने को मिलता है। आज भी कोई चाणक्य नीति का अनुसरण करता है तो उसे जीवन में सफलता अवश्य प्राप्त होती हैउनका जीवन त्याग, तेजस्विता. दृढ़ता, साहस और पुरूषार्थ का प्रतीक है. आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति की बुरी आदतें उसे तबाह कर देती हैं. आइए जानते हैं इन आदतों के बारे में।
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