श्री हरि विष्णु विश्व के कोने कोने में अनेकों रूप में विराजमान है उन्ही में से एक रूप नेपाल की राजधानी काठमांडू से ठीक 10 किमी की दुरी पर शिवपुरी पहाड़ी की तलहटी में स्थित बुद्धनीलकंठ मंदिर है , जहा भगवान विष्णु की मूर्ति को पानी में तैरते देखा जा सकता है ,इस मंदिर से जुडी कई कहानियां है जिनमे एक कहानी के अनुसार, एक किसान और उसकी पत्नी ने एक बार खेत की जुताई करते वक़्त फावड़े से एक आकृति पर प्रहार किया, जिसके बाद वो आकृति जमीन में खून सोखने लगी।
यह बुधनिलकांठा के खोए हुए देवता की मूर्ति के रूप में निकला, जिसे पुनः प्राप्त किया गया और अपनी वर्तमान स्थिति में रखा गया।एक अन्य कहानी में कहा गया है कि मूर्ति को सातवीं शताब्दी के राजा विष्णु गुप्त के शासनकाल के दौरान काठमांडू में अपने वर्तमान स्थान से लाया गया था, जिन्होंने लिच्छवी राजा भीमार्जुन देव के अधीन काठमांडू घाटी को नियंत्रित किया था।कई वर्षों से यह सुझाव दिया गया था कि मूर्ति कुंड में तैरती है। दरअसल, 1957 में वैज्ञानिक इस दावे की पुष्टि या खंडन करने में विफल रहे, लेकिन मूर्ति की एक छोटी सी चिप ने इसे सिलिका-आधारित पत्थर होने की पुष्टि की, लेकिन लावा रॉक के समान उल्लेखनीय रूप से कम भारी थी।श्री हरि विष्णु की मूर्ति का तैरना भक्तो को मोहित करता है । इस मंदिर के साथ एक कहानी ये भी है कि ये मंदिर नेपाल के राज परिवार के लिए शापित है और अगर राज परिवार का कोई भी व्यक्ति इस मंदिर में जाये तो उसकी मौत निशित है ,जिसके कारण बाद में इसकी भौतिक प्रकृति का अध्ययन करने के लिए नेपाल के प्रशासन ने वैज्ञानिकों को इजाजत देना बंद कर दिया ।
आइये जानते है भगवान श्री हरि विष्णु के इस मंदिर से जुडी 10 रोचक बातें:
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