तिलक का महत्व (Importance of Tilak) - सनातन धर्म ( Eternal Religion - Hinduism) में एक परंपरा (Tradition) है जो सदियों (Centuries) से ऐसी ही चली आ रही है यह परंपरा है अपने मस्तिष्क पर हल्दी (Turmeric), चंदन (Sandalwood) , रोली (Roli, कुमकुम (Kumkum) व आदि के तिलक (Tilak) लगाने की , तिलक का संबंध आपकी किसी ईश्वर (God) के प्रति आस्था (Faith) और आध्यात्मिकता (Spirituality) से होता है। आपने अक्सर कई साधु - संतों (Saints) को अपने माथे (Forehead) पर तिलक लगाए हुए देखा होगा उन साधु-संतों के माथे पर लगा तिलक उनकी पूरी परंपरा के बारे में बताता है।
हिंदू धर्म (Hinduism) में माथे पर लगाए जाने वाले तिलक का बहुत ज्यादा महत्व (Importance) होता है, ऐसे में तिलक के कई प्रकार भी होते हैं जैसे कि लंबा तिलक ,गोल तिलक, आड़ी तीन रेखाओं वाला तिलक आदि।
भगवान शिव की आराधना (Worship) करने वाले लोग त्रिपुंड तिलक लगाते हैं। मां दुर्गा की आराधना करने वाले गोल बिंदी जैसा तिलक लगाते हैं। हिंदू धर्म में बिना माथे पर तिलक लगाए कोई भी पूजा अधूरी (Incomplete) मानी जाती है यही कारण है कि किसी भी शुभ कार्य (Auspicious Work) के दौरान व किसी भी धार्मिक सम्मेलन (Religious Convention) के दौरान हिंदू धर्म में तिलक लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
इस लेख में हम तिलकों के प्रकार जानेंगे:
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