भगवान बलराम को तो आप सभी जानते हैं श्री कृष्ण के बड़े भाई होने के कारण नहीं बल्कि बलराम भगवान का एक अपना ही परिचय है | हल और गधा चलाने में माहिर हे भगवान बलराम जी | बलराम जयंती का हिंदू धर्म मैं बहुत ही महत्व माना जाता है| इस दिन पुत्रवती माताएं अपने पुत्र की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन के लिए व्रत भी रखती है | राम जयंती के दिन व्रत रखने से आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है | बलराम जयंती की भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम भगवान की पूजा आराधना विधि विधान से कर रहे थे| सभी कष्टों का निवारण होता है | दुख दूर होकर सुख की प्राप्ति होती है | और हिंदी पंचांग के अनुसार कृष्ण जी के जन्मदिन के 2 दिन पहले यानी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी को बलराम जयंती मनाई जाती है| और 2 दिन बाद बलराम भगवान के छोटे भाई से कृष्ण भगवान यानि अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है |
भगवान बलराम मूसल और हल को धारण करते थे इसलिए उन्हें हलधर भो कहते है | इस बार बलराम जयंती 28 अगस्त को है और कृष्ण जन्माष्टमी 30 अगस्त को है | और ऐसा कहा जाता है कि भारत के पूर्वी क्षेत्र में भादो की कृष्ण षष्ठी को ललई षष्ठी भी कहते हैं| आज के इस लेख में हमें आपको बलराम जयंती के बारे में बताएंगे यदि आप भी बलराम जयंती का व्रत रखना चाहते है या भगवान बलराम को प्रसन्न करना चाहते है तो ये लेख आपके लिए लाभकारी होगा |
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