कभी कभी ऐसा होता है हम सब सही करने की कोशिश करते हैं लेकिन कुछ न कुछ ऐसा हो जाता है जिससे पारिवारिक क्लेश या विवाद हो जाते हैं। घर में आर्थिक संपन्नता तो होती किंतु मानसिक रूप से सभी का स्वभाव एक दूसरे के प्रति विरोधी होने लगता है। परिवार में सभी चिड़चिड़े स्वभाव के हो जाते हैं एक दूसरे की छोटी बातों को भी बड़े विवाद की ओर ले जाते हैं। लोगों में सहनशीलता समाप्त होने लगती है लेकिन हम इसका कारण नही समझ पाते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। घर में नकारात्मकता बढ़ती जाती है जो बड़े विवादों का रूप ले लेती है। गरुड़ पुराण में ऐसे कारणों के विषय में बताया गया है जिनमें सुधार करने से इस नकारात्मकता को समाप्त किया जा सकता है। इनको सुधारने से घर में
खुशहाली आ सकती है। गरुड़ पुराण के अनुसार इससे दरिद्रता बढ़ती है घर में आपसी क्लेश उत्पन्न होते हैं। लोगों में मतभेद बढ़ने लगते हैं कभी कभी ये ऊर्जा इतनी प्रभावी होती है कि क्लेश बड़े विवादों में बदल जाते हैं तो समय के साथ इस तरह का सामान घर से हटा देना चाहिए एवं घर को स्वच्छ रखना चाहिए।
गरुड़ पुराण को महापुराण कहा जाता है मान्यता है इसका वर्णन स्वयं श्रीहरि ने अपने वाहन गरुड़ के समक्ष किया है। इसमें जीवन, मृत्यु, धर्म, नीति से संबंधित कई रहस्यों का वर्णन किया गया है। आइये जानते हैं क्या है वो गलतियां जो बनती हैं पारिवारिक क्लेश का कारण-
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