पुखराज रत्न एक बहुमूल्य रतन माना जाता है। बृहस्पति की दशा से संबंधित इस रत्न को पुष्पराग भी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में पुखराज को गुरु यानी बृहस्पति का रत्न माना गया है।यह देखने में पीले रंग का होता है। उन लोगों के लिए अधिक फायदेमंद होता है जिनकी कुंडली में गुरु की ग्रह स्थिति कमजोर होती है। पुखराज काफी महंगा और सुंदर रतन माना गया। जिन लोगों की कुंडली में गुरु कमजोर है। ये रत्न बृहस्पति की कृपा पाने के लिए पहना जाता है। बृहस्पति के बलवान होने पर जातक को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। ये रत्न ज्ञान व बुद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। ये एक कीमती रत्न है। इसे पहनने से जीवन में खुशहाली आती है। यदि वह विधिवत पुखराज धारण कर लें तो उनके जीवन में आने वाली बाधाएं काफी हद तक दूर हो जाएंगी। गुरु के शुभ और मजबूत होने पर भी आप इस रत्न को पहन सकते हैं क्योंकि इसे धारण करने से कई बाधाओं एवं समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। पुखराज आप सोना या चांदी की धातु में पहन सकते हैं। इसकी अंगूठी को शुद्ध करने के लिए आप उसे गंगा जल या दूध में डुबोकर रखें। ऐसा करने से रत्न की सारी अशुद्धियां हट जाती हैं। पुखराज को ज्योतिष की सलाह के अनुसार ही धारण करें।
सर्वपितृ अमावस्या को गया में अर्पित करें अपने समस्त पितरों को तर्पण, होंगे सभी पूर्वज एक साथ प्रसन्न -6 अक्टूबर 2021