धरती पर जन्म लेते ही व्यक्ति के साथ नाम,
राशि, ग्रह, दोष आदि साथ जुड़ जाता है। जिसका मानव जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। इंसान के लिए उसकी कुंडली एक खास जगह रखती है। इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि कुंडली जन्म के बाद बनाई जाती है जो ताउम्र संभाल कर रखा जाता है। व्यक्ति के जन्म तारीख, जन्म स्थान और समय के आधार पर ग्रहों की गणना कर कुंडली में उपस्थित गुण और दोष का पता लगाया जाता है। एक तरफ जहां कुंडली में मौजूद गुणों के चलते जीवन में खुशियां - ही - खुशियां आ जाती है, वहीं दूसरी तरफ कुंडली में ही मौजूद दोष के कारण व्यक्ति का जीवन काफी नकारात्मक प्रभाव को भी झेलता है। जैसे कि यदि कड़ी मेहनत और लगन से किए गए कार्य में बार- बार निराशा ही हाथ लगती है, तो हो सकता है ऐसा आपकी कुंडली में उपस्थित दोष की वजह से हो रहा हो। यह दोष जीवन में कई अलग-अलग समस्याएं ला सकता है जो व्यक्ति के कैरियर, आर्थिक हालात, बीमारी, रिश्तो में तकरार और
सामाजिक तौर पर मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा से भी जुड़ा हुआ हो सकता है।
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