03:55 PM, 10-Jun-2021
ग्रहण के दौरान कई तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए।
ग्रहण के दौरान और ग्रहण के खत्म होने तक, भगवान की मूर्ति को नहीं छूना चाहिए। ग्रहण में घर के मंदिरों के कपाट बंद कर देना चाहिए। ताकि भगवान पर ग्रहण का असर ना हो सके। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान ना तो ग्रहण देखना चाहिए और ना ही घर के बाहर निकलना चाहिए। ग्रहण में स्त्री-पुरुष को शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए। ग्रहण के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से गर्भधारण में संतान पर बुरा असर पड़ता है।सूतक लगने पर और ग्रहण के दौरान सबसे ज्यादा नकारात्मक शक्तियां हावी रहती हैं। ग्रहण में कभी भी श्मशान घाट में नहीं जाना चाहिए।
सूतक लगने पर किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।
03:40 PM, 10-Jun-2021
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर ग्रहण के अलावा शनि जयंती और वट सावित्री व्रत
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर आज सूर्यग्रहण तो लग ही रहा है। भले यह भारत के संदर्भ में उतना प्रभावी न हो, लेकिन ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर शनि जयंती और वट सावित्री व्रत हर साल मनाए जाते हैं। शनि जयंती को लेकर ये मान्यता है कि इस तिथि को शनिदेव का जन्म हुआ था। वहीं अखंड सौभाग्य के लिए जेठ अमावस्या पर वट सावित्री व्र
03:25 PM, 10-Jun-2021
अमावस्या तिथि पर लगता है सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि के दिन ही लगता है। वहीं चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा तिथि पर ही होता है। लेकिन हर अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को ग्रहण नहीं लगते हैं। जैसे इस साल केवल दो ही सूर्य ग्रहण हैं और दो ही चंद्र ग्रहण हैं। पहला चंद्रग्रहण पिछले महिने लग चुका है।
03:10 PM, 10-Jun-2021
पांच घंटों तक लगा रहेगा सूर्यग्रहण
अब से कुछ घंटों बाद लगने वाला सूर्य ग्रहण करीब पांच घंटों तक लगा रहेगा। ग्रहण की शुरूआत भारतीय समयानुसार, दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से होगी तो वहीं ग्रहण का समापन शाम 6 बजकर 41 मिनट पर होगा। ऐसे करीब 4 घंटे 59 मिनट तक इस ग्रहण की अवधि रहने वाली है।
02:55 PM, 10-Jun-2021
गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानियां
सूर्यग्रहण हो या फिर चंद्रग्रहण दोनों ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण के दौरान कई हानिकारक तरंगें निकलती हैं जो गर्भ में पलने वाले शिशु के लिए हानिकारक होती हैं। इस कारण महिलाओं को ग्रहण दौरान के बाहर नहीं निकलना चाहिए और ना तो उन्हें सुई, चाकू, कटर आदि का प्रयोग करना चाहिए।
02:40 PM, 10-Jun-2021
आपको बता दे कि यह ग्रहण 1 बजकर 42 मिनट से शुरू हो चूका है और यह 6 बजकर 41 मिनट तक चलेगा जो कि मुख्य रूप से क्षेत्र अमेरिका, यूरोप, उत्तरी कनाडा, एशिया, रूस और ग्रीनलैंड देखा जाएगा। हालांकि भारत के यहाँ अरूणाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ भागों में दिखाई दे सकता है ∣
02:25 PM, 10-Jun-2021
सूर्य ग्रहण 2021 की लाइव स्ट्रीम: कुंडलाकार सूर्य ग्रहण को ऑनलाइन कैसे देखें?
वलयाकार सूर्य ग्रहण भारत में सभी को दिखाई नहीं देगा, लेकिन आप आकाशीय घटना को ऑनलाइन देख सकते हैं। नासा ने पहले ही सूर्य ग्रहण का लाइव स्ट्रीम लिंक प्रकाशित कर दिया है, जिससे आप इस घटना को ऑनलाइन देख सकते हैं। हमने नीचे सूर्य ग्रहण 2021 लाइव स्ट्रीम लिंक एम्बेड किया है, ताकि आप इसे यहां देख सकें। लाइव स्ट्रीम दोपहर दो बजे के करीब शुरू होगी।
02:10 PM, 10-Jun-2021
सूर्य ग्रहण 2021: यह सब कहाँ दिखाई देता है?
वलयाकार ग्रहण कनाडा, ग्रीनलैंड और उत्तरी रूस के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। तो इन इलाकों में रहने वाले लोगों को रिंग ऑफ फायर दिखाई देगा। जिन क्षेत्रों में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा, वे हैं पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका, उत्तरी अलास्का, कनाडा के अधिकांश हिस्सों और कैरिबियन, यूरोप, एशिया और उत्तरी अफ्रीका के कुछ हिस्सों के साथ। नासा के अनुसार, इनमें से कई स्थानों पर ग्रहण सूर्योदय से पहले, उसके दौरान और उसके तुरंत बाद होगा। वलयाकार ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, हालांकि यह पूर्वी राज्यों जैसे अरुणाचल प्रदेश में दिखाई देगा लेकिन केवल सीमित क्षेत्रों में ही दिखाई देगा।
01:55 PM, 10-Jun-2021
सूर्य ग्रहण : आंखों की सुरक्षा सबसे पहले
किसी भी सूर्य ग्रहण को सीधे देखना सुरक्षित नहीं है; कुंडलाकार, आंशिक या कुल। नासा ने कहा कि जो लोग सूर्य ग्रहण देख रहे हैं उन्हें पूरे ग्रहण के दौरान "सूर्य देखने या ग्रहण का चश्मा" पहनना चाहिए, खासकर यदि कोई सूर्य का सामना करना चाहता है। ये चश्मा आपके नियमित धूप के चश्मे के समान नहीं हैं। जिनके पास चश्मा नहीं है, उनके लिए नासा का कहना है कि उन्हें "एक वैकल्पिक अप्रत्यक्ष विधि, जैसे पिनहोल प्रोजेक्टर" का प्रयास करना चाहिए, लेकिन किसी को सीधे सूर्य को देखने के लिए इनका उपयोग नहीं करना चाहिए।
01:40 PM, 10-Jun-2021
2021 का कुंडलाकार सूर्य ग्रहण घटना दोपहर 01:42 बजे (IST) दिखाई देगी और अधिकांश क्षेत्रों में शाम 6.41 बजे तक चलेगी। सबसे बड़े ग्रहण पर इस सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 3 मिनट 51 सेकंड बताई गई है।
01:25 PM, 10-Jun-2021
आज ही 'रिंग ऑफ फायर' देखने के लिए तैयार हो जाइए
सूर्य ग्रहण 2021 टुडे लाइव अपडेट्स: इस साल का पहला सूर्य ग्रहण आज दोपहर 1.42 बजे से दिखाई देगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। तो, 'रिंग ऑफ फायर' देखने के लिए तैयार हो जाइए क्योंकि यह भारत के कुछ हिस्सों से भी आंशिक रूप से दिखाई देगा। जो लोग लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में रहते हैं वे इस दुर्लभ खगोलीय घटना को देख सकेंगे। नासा द्वारा प्रकाशित नक्शे के अनुसार, वे 12:25 बजे सूर्य ग्रहण देखना शुरू करेंगे।
01:10 AM, 10-Jun-2021
पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है ∣ जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता है ∣ ये घटना बहुत ही कम होती है ∣ जो की कम क्षण के लिए देखने को मिलती है ∣ जबकि आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है ∣ जब चंद्रमा सूर्य के पूरे भाग को न ढक कर उसके कुछ भाग को ढकता है ∣ इसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहा जाता है ∣ तो वहीं वलयाकार सूर्य ग्रहण के समय चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच इस तरह से आता है कि जिससे सूर्य का सिर्फ मध्य भाग ही चांद की छाया से ढक पाता और सूर्य का बाहरी हिस्सा प्रकाशित रहता है। ऐसा जब होता है तो कुछ समय के लिए सूर्य पृथ्वी से देखने पर आग की अंगूठी की तरह चमकता दिखाई देता है। इसलिए इसे रिंग ऑफ फायर सूर्य ग्रहण भी कहते हैं।
12:55 PM, 10-Jun-2021
सूर्य और चंद्र ने असुर राहु की ये चाल भगवान विष्णु को बता दी। विष्णु जी ने क्रोध में आकर असुर स्वर्भानु को मृत्युदंड देने के लिए अपना सुदर्शन चक्र चलाया जिससे उसका सिर और धड़ एक दूसरे से अलग हो गए। लेकिन तब तक वो राक्षस अमृत का पान कर चुका था जिससे उसकी मृत्यु नहीं हुई। ऐसे कहा जाता है कि राहु सूर्य और चंद्रमा से अपने उसी प्रतिशोध के चलते दोनों पर हर साल ग्रहण लगाता है जिसे हम सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के नाम से जानते हैं।
12:40 PM, 10-Jun-2021
उसी कथा के अनुसार, जब समुद्र मंथन से अमृत कलश निकाला गया था तो उसको प्राप्त करने के लिए सभी देवताओं और असुरों में युद्ध छिड़ गया। देवता और असुर दोनों ही अमृत पान करना चाहते थे। इस स्थिति में भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर देवताओं और दानवों में बराबर-बराबर अमृत बांटने का सुझाव दिया। जिसे सभी ने मान भी लिया। लेकिन भगवान की रणनीति राहु नाम के एक असुर को समझ आ गई जिससे वे बेहद चालाकी से देवताओं में छिप कर बैठ गया और उसने अमृत का पान कर लिया। लेकिन इसी दौरान उस असुर को सूर्य देव और चंद्र देव ने देख लिया था।
12:25 PM, 10-Jun-2021
सूर्य ग्रहण लगने के धार्मिक कारण: वैज्ञानिक महत्व के अलावा सूर्य ग्रहण का धार्मिक महत्व भी माना जाता है। जिसका उल्लेख मत्स्यपुराण की एक पौराणिक कथा में देखने को मिलता है।