गणेश चतुर्थी भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इस साल 10 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन की शुरुआत 10 सितंबर शुक्रवार से होगी। भक्त ज्ञान, समृद्धि और भाग्य के हिंदू देवता भगवान गणेश की पूजा करते हैं और अपने परिवारों के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। यह भाद्रपद के हिंदू कैलेंडर महीने (अगस्त या सितंबर, ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार) में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। जबकि गणेश चतुर्थी पूरे भारत में मनाई जाती है, यह महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में बहुत लोकप्रिय है।
गणेश चतुर्थी 2021: तिथि और समय
इस वर्ष गणेश चतुर्थी शुक्रवार, 10 सितंबर को मनाई जाएगी। तिथि 10 सितंबर को सुबह 12:18 बजे से शुरू होकर उसी दिन रात 9:57 बजे समाप्त होगी। गणेश चतुर्थी पर लोग सुबह जल्दी उठते हैं और मंदिर जाते हैं। पूजा के दौरान, भगवान गणेश को मोदक और मोतीचूर के लड्डू सहित उनके पसंदीदा खाद्य पदार्थों की पेशकश की जाती है।
लोग अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति लाते हैं और त्योहार के दौरान उसकी पूजा करते हैं। जब त्योहार समाप्त हो जाता है, तो मूर्ति को किसी नदी या किसी अन्य जल निकाय में बहुत धूमधाम से विसर्जित किया जाता है। विसर्जन 10 दिनों तक अपने भक्तों के साथ रहने के बाद गणेश के अपने निवास स्थान पर लौटने का संकेत देता है। गणेश को विनायक और विघ्नेश्वर के नाम से भी जाना जाता है।
त्योहार की शुरुआत घरों में एक ऊंचे मंच पर गणेश की मूर्तियों को रखने से होती है। उपनिषदों के मंत्रों के जाप से घरों को विस्तृत रूप से सजाया गया है। पूजा करते समय मूर्ति को चंदन के लेप और फूलों से अर्पित किया जाता है।
इस त्यौहार की विशेषता 'मोदक' है जो कि भगवान गणेश का पसंदीदा भोजन माना जाने वाला मीठा पकौड़ी है। सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के प्रारंभ में उनकी पूजा भी की जाती है।
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