गंगा सप्तमी वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि यह वही दिन है,जब ऋषि भागीरथ ने अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए गंगा नदी को स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित किया था। इस दिन को गंगा जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस वर्ष गंगा सप्तमी 18 मई 2021, मंगलवार के दिन मनाई जा रही है।
आइए जानते हैं किन उपायों को करने से आपके जीवन में सुख समृद्धि आएगी। इसके साथ-साथ मनोकामना भी पूर्ण होगी। गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी में नहाने का बहुत महत्व है,लेकिन हालिया दौर में हम कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहे हैं। ऐसी स्थिति में घर से बाहर निकलना ठीक नहीं होगा। ऐसे में आप अपने घर में ही स्नान करने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। ऐसा करने से आपको मां गंगा का आशीर्वाद जरूर प्राप्त होगा।
गंगा सप्तमी की पूजन विधि-
•गंगा सप्तमी के दिन घर में उत्तर दिशा में लाल रंग का एक साथ कपड़ा बिछाकर उसके ऊपर गंगाजल के कलश की स्थापना करें।
• ॐ गंगाय नमः मंत्र के स्पष्ट उच्चारण के साथ जप करें। जप करने के बाद आप जल में गाय का दूध, रोली,चावल, शक्कर, इत्र और शहद मिलाएं।
• इसके बाद आप कलश में आम के 5 से 7 पत्ते लगाएं।और उसके ऊपर नारियल को स्थापित करें।
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•ध्यान रहे दीपक शुद्ध घी का ही जलाएं। चंदन और फल- फूल अर्पित करें। इसके साथ भोग भी लगाएं।
इस दिन पूजा करने के बाद अपने ऊपर से सात लाल मिर्च उतारकर से बहते हुए जल में डाल दें ऐसी मान्यता है कि यह उपाय करने से जीवन की सारी परेशानियां समाप्त होने लगती हैं।
उपाय-
१~ गंगा सप्तमी के दिन गंगाजल पानी में डालकर स्नान करने से आपकी मनोकामना पूरी होती है। और इसके साथ जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
२~स्नान करने के बाद एक कटोरी में गंगाजल लें और उसे पूजा वाले स्थान पर रख दें इसके बाद इसी गंगाजल वाली कटोरी में शुद्ध घी का दीपक जलाएं और गंगाजल की पूजा करें।
३~गंगा सप्तमी के दिन एक तांबे के लोटे में गंगा जल भर लें।इसके बाद कुशा वाले आसन पर बैठकर 108 बार गायत्री मंत्र का जप करें। ऐसा करने से आपके घर में बीमार व्यक्ति को रोगों से छुटकारा मिलता है। पूजा करने के बाद गंगाजल आप अपने घर में चारों दिशाओं में छिड़क दें।
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