5 साल तक की उम्र के बच्चें से व्यवहार - आचार्य चाणक्य के अनुसार 5 साल की उम्र के बच्चे को बहुत प्यार करना चाहिए उसे डांटना नहीं चाहिए उसकी गलती पर उसको दुलार कर कर समझाना चाहिए | क्योंकि इस उम्र में बच्चा बिल्कुल नासमझ होता है | स्कूल में बच्चा बिल्कुल नासमझ होता है उसको सही गलत की कोई भी पहचान नहीं होती है | वो कोई भी गलती है जानबूझकर नहीं करता है | इसीलिए उसको प्यार और दुलार करना चाहिए और उसकी पसंद नापसंद का ध्यान रखना चाहिए | जिससे उसके बाद धार्मिक जिद्दीपन्न ना आ पाए |
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