श्री गणेश बहुत ही बुद्धिमान देव है। उनकी पूजा पूर्ण विधि-विधान से करने से देव बहुत प्रसन्न होते हैं। उन्हें मोदक का भोग लगाकर कि जाने वाली पूजा प्रखर बुद्धि व संकल्प के साथ सुख-समृद्धि व शांति की राह पर आगे बढ़ने की प्रेरणा व ऊर्जा देती है। यदि गणेश जी पूजा शनि देव के साथ की जाए तो समस्त ग्रह दोषों का निवारण हो जाता है। किसी भी ग्रह के अशुभ प्रभाव आपके कार्य में बाधा नहीं लाते। बुधवार के दिन इनकी पूजा अवश्य करनी चाहिए इससे व्यक्ति का सुख-सौभाग्य बढ़ता है तथा सभी प्रकार की रुकावटें दूर होती हैं।
श्री गणेश की पूजा बहुत शक्तिशाली मानी जाती है। उनकी पूजा से न केवल मनुष्य के जीवन की अड़चनें दूर होती हैं बल्कि उसकी सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण हो जाती हैं। कथन अनुसार एक बार जब महादेव त्रिपुरासुर का वध करने पहुंचे तो उनके कार्य में बार -बार विघ्र आ रहा था। तब महादेव को स्मरण हुआ की युद्ध से पहले उन्होंने श्री गणेश का आवाह्न नहीं किया था और इसी कारण रुकावटें आ रही हैं। इसके बाद महादेव ने श्री गणेश की पूजा-अर्चनाकर,लड्डुओं का भोग लगाया। जिसके बाद उन्होंने दोबारा त्रिपुरासुर पर प्रहार किया, तब श्री गणेश की कृपा से उनका मनोरथ पूरा हो गया।
माना जाता है की जिस प्रकार महादेव को प्रसन्न करने हेतु किसी सामग्री की आवश्यकता नहीं होती उसी प्रकार माता पार्वती व श्री गणेश भी अपने भक्तों से बहुत सरलता से प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी कृपा से भक्तों के जीवन में कोई दुःख नहीं रह जाता। श्री गणेश अपने भक्तों की भक्ति और श्रद्धा को देखकर ही प्रसन्न हो जाते हैं। श्री गणेश जी की पूजा में बेसन के लड्डू का भोग लगाना चाहिए क्यूंकि गणपति जी को लड्डू अतिप्रिय है। उन्हें दूर्वा भी चढ़ाना चाहिए ,माना जाता है की उसमें अमृत होता है जिससे देव की पूजा करने से व्यक्ति को कुबेर के समान आशीर्वाद मिलता है अर्थात उसके घर में धन -धान्य की कमी नहीं रहती।
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