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महालक्ष्मी की आराधना से होती है धन-व्यापर में वृद्धि

My Jyotish Expert Updated 19 Apr 2020 12:56 PM IST
Maa Lakshmi Worship increases wealth
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माँ लक्ष्मी हिन्दू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं। वह त्रिदेवियों में से एक हैं जिन्हें धन की देवी के रूप में भी जाना जाता है। वह अपने भक्तों को सम्पदा, समृद्धि व शांति प्रदान करती हैं। जिस किसी व्यक्ति के ऊपर माँ लक्ष्मी की कृपा पड़ जाती है, वह दरिद्र, दुर्बल, कृपण, असंतुष्ट एवं पिछड़ेपन से ग्रसित नहीं रहता। माँ लक्ष्मी की पूजा शुक्रवार के दिन की जाती है। उनकी महिमा से मनुष्य के जीवन में कोई कमी नहीं रहती है। वह सर्व सांसारिक सुख से परिपूर्ण हो जाता है एवं उसकी समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है।


मान्यताओं के अनुसार जब हस्तिनापुर में महालक्ष्मी का त्यौहार मनाया जा रहा था, तब गांधारी के 100 पुत्रों ने मिलकर मिट्टी का हाथी बनाकर महल के बीचों बीच सजाया हुआ था। गांधारी ने नगर की समस्त स्त्रियों को आमंत्रित किया परन्तु कुंती को नहीं बुलाया जिससे कुंती बहुत उदास हो गयी। माँ की उदासी देख अर्जुन ने उनके दुःख का कारण पूछा तो कुंती ने कारण बताकर दुःख जताया। यह सुनकर अर्जुन कुंती से पूजा की तैयारी करने का बोलकर इंद्र के ऐरावत हाथी को लेने पहुंचे।

जब अर्जुन द्वारा स्वयं इंद्र के हाथी ऐरावत को ले आने की बात नगर में पहुंची तो सभी लोग कुंती के महल में जा पहुंचे और महालक्ष्मी की पूजा को संपन्न किया। ऐरावत हाथी को देख कुंती भी बहुत खुश हुई थी और सप्रेम भाव से माँ लक्ष्मी का पूजन किया। माँ के प्रति अर्जुन का प्रेम देख महालक्ष्मी बहुत प्रसन्न हुईं तथा उन्हें सुख -समृद्धि व धन से परिपूर्ण होने का आशीर्वाद प्रदान किया।

माँ लक्ष्मी की पूजा के लिए चन्दन, पत्र, पुष्प माला, अक्षत, दूर्वा, लाल सूत, सुपारी, नारियल, फल मिठाई आदि से विधिवत पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान माता लक्ष्मी को सफ़ेद कमल या कोई भी कमल का पुष्प, सफ़ेद दूर्वा और कमलगट्टा भी अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। उनको किशमिश या सफ़ेद बर्फ़ी का भोग लगाएं। माँ की सकुशलता से पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है तथा जीवन में खुशियों की कमी नहीं आती। धन-व्यापर में वृद्धि होती है एवं आय के विभिन्न मार्ग प्रकाशित होते हैं।

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