myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Worship of Goddess Saraswati brings wisdom and learning

देवी सरस्वती की उपासना से होती है बुद्धि व विद्या की प्राप्ति

MyJyotish Expert Updated 13 May 2020 03:40 PM IST
Worship of Goddess Saraswati brings wisdom and learning
विज्ञापन
विज्ञापन
देवी सरस्वती हिन्दू धार्मिक मान्यताओं की प्रमुख देवियों में से एक हैं। उन्हें साहित्य, कला और संगीत की देवी माना जाता है। वह व्यक्ति को विचार, भावना एवं संवेदना तीनों का गुण प्रदान करती हैं। वह परम चेतना हैं, अपने स्वरूप में वह व्यक्ति की बुद्धि, प्रज्ञा और मनोवृत्तियों की रक्षा करती हैं। किसी भी व्यक्ति का आचरण और स्वभाव देवी सरस्वती के फल स्वरूप ही उसे प्राप्त होता है। सरस्वती को वागीश्वरी, भगवती, शारदा और वीणावादिनी सहित अनेक नामों से संबोधित जाता है। इन्हीं से संगीत की उत्पत्ती हुई है इसलिए इन्हें संगीत की अधिष्ठात्री भी कहा जाता है।



इस कालाष्टमी प्राचीन कालभैरव मंदिर दिल्ली में पूजा और प्रसाद अर्पण से बनेगी बिगड़ी बात : 14 -मई - 2020

देवी सरस्वती, संसार रचयिता ब्रह्मा जी की अर्धांगिनी हैं। पौराणिक कथा के अनुसार सृष्टि का संचार करते समय ब्रह्मा जी को यह एहसास हुआ की उनकी शक्ति और प्रभाव आदिशक्ति स्वरूप के साथ के बिना अधूरी है। महादेव की अर्धांगिनी पार्वती जी हैं तथा विष्णु जी की अर्धांगिनी लक्ष्मी जी हैं परन्तु ब्रह्मा जी की शक्ति स्वरूप के साथ कोई देवी नहीं थी। इस बात के हल स्वरूप आदिशक्ति अपने भीतर एक तेज उत्पन्न करती हैं जिससे स्वर्ण सा चमकता हुआ श्वेत रंग का प्रकाश बाहर निकलता है। उस प्रकाश से माता सरस्वती उत्पन्न हुई थीं। वह चतुर्भुज स्वरूप में उल्लास से भरी मुस्कान के साथ, दोनों हाथों में वीणा धारणकर कलात्मकता का प्रतीक हो रही थी।

मासिक शिवरात्रि के दिन बंगाल के 108 शिवलिंग मंदिर में कराएं जलाभिषेक, होगी सर्व सुख की प्राप्ति व पूर्ण होंगे अटके हुए कार्य : 20-मई-2020

देवी सरवस्ती की आराधना के लिए मन से उनका ध्यान करने की आवश्यकता होती है। माना जाता है की 4 पहर में एक बार कुछ क्षण के लिए देवी सरस्वती मनुष्य शरीर के मुख की जिव्हा पर विराजमान होती हैं। वह स्वर और वाणी की देवी भी मानी जाती हैं। उनकी मनुष्य जिव्हा पर उपस्थिति के कारण सदैव सोच-समझ कर बोलने की शिक्षा प्रदान की जाती है। कहा जाता है की देवी सरस्वती जिस क्षण जिव्हा पर विराजमान होती हैं उस वक्त पर बोले जाने वाले शब्द सत्य हो जाते हैं। देवी सरस्वती की आराधना करने वाले लोग बुद्धि के कुशल होते हैं। देवी के आशीर्वाद से उनकी चतुराई का कोई मुकाबला नहीं कर पाता है एवं वह सदैव सफलता के मार्ग की ओर बढ़ते हैं।

यह भी पढ़े :-

शनि के तेल अभिषेक से दूर होती है साढ़े साती की दशा

सूर्य नारायण के पूजन व पाठ से समाप्त होते हैं ग्रह दोष

गंगाजल की पवित्रता से दूर हो जाते हैं वास्तु दोष

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X