महादेव को संहार का देवता माना गया है उसी प्रकार देवी पार्वती के महाकाली स्वरुप को अदिष्ठित्रि कहा गया है। यह सभी नकारात्मक शक्तियों का विनाशकर जीवन को भयमुक्त व सुखद बनाते हैं। शिव-शक्ति अर्थात महादेव व उनकी अर्धांगिनी माँ पार्वती की शक्ति, भक्ति और आराधना से सभी मुसीबतों को दूर किया जा सकता है। इन दोनों के आशीर्वाद से व्यक्ति की सारी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं, जिसके बाद उसके मन में कोई अभिलाषा शेष नहीं रह जाती। इनकी शक्ति से आनंद की शक्ति, इच्छाशक्ति, क्रियाशक्ति, ज्ञानशक्ति व चित शक्ति की उत्पत्ति होती है।
अक्षय तृतीया पर देवी विंध्यवासिनी के श्रृंगार पूजा से जीवन की समस्याएं होंगी दूर, मिलेगा धन लाभ का आशीर्वाद : 26-अप्रैल-2020
महादेव अपने अनेकों नामों से जाने जाते है। इन्हे शंकर, महेश, नीलकंठ, रूद्र, गंगाधर, भोलेनाथ आदि नामों से भी जाना जाता है। महाकाल अर्थात शिव को भोलेनाथ इसलिए भी कहा जाता है की वह अत्यंत ही भोले हैं और बहुत ही सरलता से अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं। इनका परिवार यानि की माता पार्वती तथा पुत्र गणेश भी बहुत जल्दी और आसानी से प्रसन्न होकर अपने भक्तों की इच्छापूर्ति करते हैं। महादेव को धतूरा व बेलपत्र बहुत पसंद है वहीं देवी पार्वती का अभिषेक यदि गन्ने या आम के रस से किया जाए तो वह अत्यंत प्रसन्न होती हैं। तथा भक्तों के घर में वास करती हैं और किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आने देती।
जिस घर में माता पार्वती का वास होता है वहाँ किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्तियाँ नहीं आती। उनके वास से घर का वातावरण शुद्ध और पवित्र रहता है तथा घर में विद्या और धन-संपत्ति की भी कोई कमी नहीं रहती। इनकी पूजा सफ़ेद व लाल रंग के फूलों से की जानी चाहिए। माँ पार्वती को घी का भोग चढ़ाने से स्वास्थ्य निरोगी व हष्ट -पुष्ट रहता है। उन्हें शक्कर अर्थात चीनी का भोग भी लगाना चाहिए।
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