महादेव कितने भोले हैं यह तो सभी जानते हैं परन्तु उनके भोले स्वभाव के कारण कोई व्यक्ति धन का देव बन जाए तो यह सत्य ही अचंभे की बात है। कथाओं के अनुसार कुबेर पिछले जन्म में चोर थे। वह एक बार शिव मंदिर जा पहुंचे। उस रात वहाँ बहुत तूफ़ान आ रहा था जिसके कारण आस पास कोई रोशनी भी नहीं थी। प्रकाश का इंतजाम करने के लिए वह बार-बार शिवलिंग के आगे खड़े होकर दीप जलाने लगे।
अक्षय तृतीया पर देवी विंध्यवासिनी के श्रृंगार पूजा से जीवन की समस्याएं होंगी दूर, मिलेगा धन लाभ का आशीर्वाद : 26-अप्रैल-2020
उन्हें निरंतर दीप प्रज्वलन करते और असफल होते देख महादेव को लगा की वह व्यक्ति इतने तूफ़ान में भी उनकी भक्ति के लिए दीप जलाने आया है। चोरी की बात से अनजान भोलेनाथ उस व्यक्ति के आगे प्रकट होते है वह उन्हें कुबेर का देव व धन -धान्य से परिपूर्ण होने का आशीर्वाद देते है। कुबेर असुर कुल का होने के कारण कुरूप थे इसलिए ही वह कभी देवलोक में नहीं रहे। उनके तीन दांत व आठ पैर थे। जिसके कारण उनका सभी मजाक उड़ाया करते थे। जिससे परेशान हो कर उन्होंने देवलोक में न रहने का ही निश्चय किया था।
इनको प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ से लेकर हवन का आयोजन भी किया जाता है। इनकी कृपा भक्तों को बहुत ही सरल-सहज तरीकों से प्राप्त हो जाती है। कुबेर की पूजा से धन-धान्य व संपत्ति की प्राप्ति होती है। इनके साथ यदि माँ लक्ष्मी की पूजा की जाए तो उस व्यक्ति के जीवन में किसी सुख की कमी नहीं रहती व उसे समस्त सांसारिक सुख का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इनके द्वारा प्रदान किया गया धन स्थिर रहता है वह नष्ट नहीं होता। यदि कोई व्यक्ति धन की समस्या से परेशान है तो उसे इनकी पूजा जरूर करनी चाहिए।
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