इस दिन कोई भी मांगलिक कार्य जैसे की- विवाह, गृह प्रवेश, वस्त्र आभूषण की खरीदारी या नए घर की खरीदारी या वाहन आदि खरीदने के लिए शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार यदि व्यक्ति अक्षय तृतीया के दिन अपने या अपने स्वजनों द्वारा की गयी भूल के लिए ईश्वर के समक्ष क्षमा प्रार्थी होता है तो ईश्वर उसकी प्रार्थना स्वीकार करके उसे सद्गुण प्रदान करते हैं। इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति के भीतर शुद्धता और पवित्रता का वास होता है। अक्षय तृतीया का दिन मिर्जापुर की देवी विंध्यवासिनी के श्रृंगार के लिए भी बहुत शुभ और फ़ायदेमन्द माना जाता है।
अक्षय तृतीया पर देवी विंध्यवासिनी के श्रृंगार पूजा से जीवन की समस्याएं होंगी दूर, मिलेगा धन लाभ का आशीर्वाद : 26-अप्रैल-2020
देवी विंध्यवासिनी महाशक्ति एवं देवी सती के इक्यावन शक्तिपीठों में से एक है। विंध्याचल सदैव से ही उनका निवास स्थान माना गया है। कथाओं के अनुसार त्रेतायुग में स्वयं भगवान श्री राम माता सीता के साथ विंध्याचल आए थे। माना जाता है की श्री राम द्वारा स्थापित रामेश्वर से देवी विंध्यवासिनी का महात्मय और अधिक बढ़ गया था। देवताओं के अनुरोध से माता ने शुम्भ-निशुम्भ नाम के दो असुरों का वध करने के लिए अवतार भी लिया था। यह देवी स्वर्णकमल पर त्रिनेत्रों वाली कल्याणकारी है। इनके आशीर्वाद से भक्तों के सभी कष्टों का निवारण हो जाता है।
देवी के मंदिर में चार आरतियां होती हैं जिनमें चार बार उनका श्रृंगार विभिन्न रूप से किया जाता है। चार विभिन्न श्रृंगारों में माँ जीवन काल की चार अवस्था के रूपों को दर्शाती हैं। अक्षय तृतीया के दिन इनकी पूजा करके मंदिर में श्रृंगार करवाने से भक्तों पर कोई विपदाएं नहीं आती। देवी स्वयं समस्त परेशानियों से अपने भक्तों की रक्षा करती तथा उनका घर सुख-समृद्धि व सम्पन्नता से भर देती हैं।
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