भगवान गणेश रिद्धि और सिद्धि के दाता एवं विघ्नहर्ता है । वह सारे दुखों और कष्टों को हरने वाले देवता है इसलिए किसी भी पूजा से पहले हम गणेश जी की पूजा करते हैं । वह भक्तों के सभी कष्टों को खत्म कर देते हैं और किसी भी प्रकार की शत्रुता हो दरिद्रता हो उसको दूर करते हैं ।
बुधवार को गणपति की पूजा करने से लाभ:
- बुधवार को गणपति की पूजा और उपासना करने से सुख समृद्धि बढ़ती है।
- शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि श्री गणेश जी की पूजा का दिन बुधवार है इसलिए अगर गणेश जी की पूजा पूरे मन से की जाए तो सभी की मनोकामना पूर्ण होती है।
- अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह है और वह बहुत अशुभ स्थिति में हो तो इस दिन पूजा करने से वह भी शांत हो जाता है।
- पूजन से पहले नित्यादि क्रियाओं से निवृत्त होकर शुद्ध आसन पर स्थान ग्रहण कर पूजन सामग्री को एकत्रित करें। पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि एकत्रित कर क्रमश: पूजा करें।
- भगवान श्री गणेश को तुलसी दल व तुलसी पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए। उन्हें, शुद्ध स्थान से चुनी हुई दुर्वा को धोकर ही चढ़ाना चाहिए।
- श्रीगणेश भगवान को मोदक (लड्डू) अधिक प्रिय होते हैं इसलिए उन्हें देशी घी से बने मोदक का प्रसाद भी चढ़ाना चाहिए।
- श्रीगणेश के दिव्य मंत्र ॐ श्री गं गणपतये नम: का 108 बार जप करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
- श्रीगणेश सहित प्रभु शिव व गौरी, नन्दी, कार्तिकेय सहित सम्पूर्ण शिव परिवार की पूजा षोड़षोपचार विधि से करना चाहिए।
- व्रत व पूजा के समय किसी प्रकार का क्रोध व गुस्सा न करें। यह हानिप्रद सिद्ध हो सकता है।
- श्रीगणेश का ध्यान करते हुए शुद्ध व सात्विक चित्त से प्रसन्न रहना चाहिए।
- शास्त्रानुसार श्रीगणेश की पार्थिव प्रतिमा बनाकर उसे प्रतिष्ठित कर पूजा - अर्चना के बाद विसर्जित कर देने का आख्यान मिलता है। किन्तु भजन-कीर्तन आदि आयोजनों और सांस्कृतिक आयोजनों के कारण भक्त 1, 2, 3, 5, 7, 10 आदि दिनों तक पूजन करते हुए प्रतिमा का विसर्जन करते हैं
- पूजा के उपरांत सभी देवी-देवताओं का स्मरण करें। अपराध क्षमा प्रार्थना करें, सभी अतिथि व भक्तों का यथा व्यवहार स्वागत करें।
- पूजा कराने वाले ब्राह्मण को संतुष्ट कर यथा विधि पारिश्रामिक (दान) आदि दें, उन्हें प्रणाम कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर दीर्घायु, आरोग्यता, सुख, समृद्धि, धन-ऐश्वर्य आदि को बढ़ाने के योग्य बनें।
बुधवार को गणेश जी की पूजा करते समय जाप करने के लिए मंत्र:
- गणेश जी को दीप अर्पित करते समय इस मंत्र का जाप करें।
दीपं गृहाण देवेश त्रैलोक्यतिमिरापहम्,
भक्त्या दीपं प्रयच्छामि देवाय परमात्मने,
त्राहि मां निरयाद् घोरद्दीपज्योत।
- गणेश जी को सिंदूर अर्पित करने का मंत्र
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्,
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्।
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- गणेश जी को प्रसाद अर्पित करने का मंत्र
नैवेद्यं गृह्यतां देव भक्तिं मे ह्यचलां कुरू,
ईप्सितं मे वरं देहि परत्र च परां गरतिम्,
शर्कराखण्डखाद्यानि दधिक्षीरघृतानि च,
आहारं भक्ष्यभोज्यं च नैवेद।
- गणेश जी को पुष्प माला अर्पित करने का मंत्र
माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो,
मयाहृतानि पुष्पाणि गृह्यन्तां पूजनाय भोः।
- गणेश जी को यज्ञोपवीत पहनाने का मंत्र
नवभिस्तन्तुभिर्युक्तं त्रिगुणं देवतामयम्,
उपवीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वर
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