Vinayaka Chaturthi 2022 : कार्तिक मास की विनायक चतुर्थी कब है? जानिए पूजा मुहूर्त समय और महत्व
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा. 28 अक्टूबर शुक्रवार को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. भगवान श्री गणेश के विनायक स्वरुप का पूजन करने से कार्यों में सफलता प्राप्त होती है.
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इस दिन दोपहर तक भगवान गणेश की पूजा पूरी कर लेनी चाहिए. विनायक चतुर्थी व्रत के दिन चंद्र दर्शन वर्जित माना गया है. विनायक चतुर्थी का व्रत करने और गणेश जी की पूजा करने से विघ्न दूर होते हैं. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पूजा करने से बाधाएं दूर होती हैं.
विनायक चतुर्थी पर बनेंगे शुभ योग
विनायक चतुर्थी व्रत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाएगा. इस बार यह विनायक चतुर्थी व्रत 28 अक्टूबर शुक्रवार को है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:30 बजे से 10.42 बजे तक व्याप्त रहेगा. इस दिन व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है.
इस दिन भगवान गणेश की पूजा के साथ साथ कार्तिक माह की कथा का श्रवण करना उत्तम होता है. विनायक चतुर्थी व्रत के दिन चंद्र दर्शन वर्जित है. इस दिन चंद्रमा देखने से कलंक आता है, किंतु चंद्र पूजन एवं चंद्र अर्घ्य करने के पश्चात ही यह पूजन संपन्न माना जाता है.
विनायक चतुर्थी 2022 पूजा मुहूर्त
28 अक्टूबर को विनायक चतुर्थी व्रत के पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 10:58 बजे से दोपहर 1:12 बजे तक है. इस मुहूर्त में विनायक चतुर्थी का पूजन एवं मंत्र जाप अवश्य करना चाहिए. पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि शुक्रवार 28 अक्टूबर को प्रातः 10.33 बजे से प्रारंभ हो रही है और यह तिथि 29 अक्टूबर को प्रातः 08.13 बजे समाप्त हो रही है. दोपहर में गणेश जी की पूजा की जाएगी, इसलिए 28 अक्टूबर को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा.
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विनायक चतुर्थी 2022 पर बना योग
विनायक चतुर्थी व्रत के दिन शोभन प्रात:काल से अगले दिन 29 अक्टूबर, शनिवार - 01:30 पूर्वाह्न तक हैं. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:30 बजे से 10.42 बजे तक है. वहीं 29 अक्टूबर को सुबह 10.42 बजे से 06.31 बजे तक रवि योग है.ये तीनों योग शुभ कार्यों के लिए शुभ होते हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग में किया गया कार्य सफल होता है. रवि योग बुराई को दूर करने और शुभता प्रदान करने वाला माना जाता है.
विनायक चतुर्थी 2022 महत्व
विनायक चतुर्थी का व्रत करने और गणेश जी की पूजा करने से विघ्न दूर होते हैं और गणेश जी की कृपा से कार्य में सफलता मिलती है. गणपति बप्पा की कृपा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. विनायक चतुर्थी व्रत के दिन सुबह 09:25 बजे चंद्रोदय होगा. शुक्ल पक्ष में चंद्रमा दिन में या शाम को जल्दी निकल जाता है, इसलिए पूजा पूरी करने के बाद प्रयास करना चाहिए कि चंद्रमा को नहीं देखा जाए.
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