myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   vedic - astrology - significance planet rahu

वैदिक शास्त्रों में क्या है राहु का स्थान, जानें महत्व

Myjyotish Expert Updated 24 Sep 2020 05:49 PM IST
Rahu
Rahu - फोटो : Myjyotish
विज्ञापन
विज्ञापन

राहु - केतु का राशि परिवर्तन सितंबर के महीने 23 सितंबर से प्रारम्भ हो चूका है । इन दोनों ग्रहों के गोचर से राज और प्रशासन पर असर देखने को मिलेगा ।यह दोनों ग्रह पापी ग्रह भी कहे जाते हैं। राहु -केतु के बारे में कहा जाता है यह एक ही शरीर के दो भाग है जिसमें राहु सिर है और केतु धड़ हैं। यह परिवर्तन कर्क, वृश्चिक और सिंह राशि के लिए लाभदायक सिद्ध होगा , वही अन्य राशियों के लिए परिस्थितियों के हिसाब से सामान्य सिद्ध होगा। 23 सितंबर को सुबह 7 बजकर 38 मिनट पर धनु राशि से वृश्चिक राशि में होगा। यहां वह 12 अप्रैल 2022 सुबह 8:44 बजे तक रहेगा। इसका कई राशियों पर शुभ और अशुभ दोनों तरह का प्रभाव पड़ेगा।

अधिक मास में कराएं भगवान विष्णु से जुड़ें महत्वपूर्ण दान, मिलेगा समस्त पापों से छुटकारा

शास्त्रों में बताया गया हैं कि राहु एक अशुभ ग्रह हैं । हालांकि अन्य ग्रहों की तुलना में इसका कोई वास्त्विक रूप नही हैं , इसलिए इसे छाया ग्रह कहा जाता हैं । स्वभाव के अनुसार , राहु को पापी ग्रह भी कहा गया हैं । कुंडली में राहु का नाम सुनकर लोगों में भय उत्पन्न हो जाता हैं परंतु कोई भी ग्रह शुभ - अशुभ नहीं होता उनका फल शुभ - अशुभ होता हैं। यदि राहु कुंडली में मज़बूत स्थिति में हैं तो उसका फल सकारात्मक होता हैं और अगर कमज़ोर हो तो उसका फल नकारात्मक होता हैं। राहु की बात करें तो वह अशुभ फल देने वाला ग्रह माना जाता है लेकिन यह पूरा सच नही हैं ।

वैदिक शास्त्रों में केतु को भी एक छाया ग्रह माना गया हैं क्योंकिं इसका भी कोई अपना वास्तिविक रूप नहीं हैं । इसे मोक्ष, अध्यात्म और वैराग्य का कारक माना जाता है और यह एक रहस्यमय ग्रह भी हैं। अगर किसी की कुंडली में केतु शुभ होता है तो उस जातक की कल्पना शक्ति बढ़ जाती हैं और अगर अशुभ हो तो जातक का सर्वनाश भी कर देता हैं। केतु किसी भी राशि का स्वामी नहीं हैं लेकिन धनु राशि में उच्च और मिथुन में नीच का होता हैं।

यह भी पढ़े :-  

Adhik Maas 2020: अधिक मास क्यों है महत्वपूर्ण जानें पौराणिक कथा

Adhik Maas 2020: इस वर्ष बन रहें है ख़ास संयोग, जानें क्यों विशेष है अधिक मास

Adhik Maas 2020: अधिक मास में भूलकर भी नहीं करने चाहिए यह काम
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X