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ऐसा कहा जाता है आग्नेय मुखी दुकान में इन दोनों का प्रभाव हमेशा रहता है वह है पूर्व और दक्षिण क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि यह दोनों यानी पूर्व और दक्षिण बीच का कोन होते हैं. इसीलिए ऐसा कहा जाता है कि इसके लिए तो खासकर पूर्व मुखी का ही उपाय अपनाया जाना चाहिए साथी साथी यह भी बताया गया है अगर आप दुकान का जो आगे का हिस्सा होता है यानी जो फ्रंट फेस होता है वह हमेशा चौड़ा ही होना चाहिए फिर चाहे पीछे का कैसा भी हो पर आगे का हमेशा हिस्सा चौड़ा ही होना चाहिए इसीलिए इसे सिंह मुखी का दुकान कहा जाता है.
अगर आग्नेय कौन मुखी दुकान आपका किसी भी मार्केट के लाइन बंद में है और अगर उसके सामने की कोई भी दुकान जो लाइन बंद हो तो आप बेझिझक रही है उससे आपको कोई नुकसान नहीं हो सकता. बल्कि इससे अच्छा माना जाता है और नुकसान का तो कोई सवाल ही नहीं होता.
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हमेशा इस बात का ध्यान रखें जो कि आपका आग्नेय कौन है आपके दुकान का तो उसे हमेशा दक्षिण की दिशा में ही रखें और ध्यान रखें कि आप का मुख उत्तर में ही होना चाहिए इसका मतलब है कि जो भी उस दुकान का मालिक है उसका मुख उत्तर की तरफ हो. अगर ऐसा नहीं हुआ वह आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है अपने व्यापार से संबंधित चीजों पर और बंकी भी इतनी अच्छी प्राप्ति नहीं हो पाती इन सब छोटे-छोटे चीजों का ध्यान रखने से ही दुकान अच्छा चल पाता है और अगर कोई भी वास्तु दोष पता है तो वह जल्द से हट जाता है.
आग्नेय कोण यानी आपके जो दुकान का सामने का हिस्सा है यानी फ्रंट फेस में हमेशा शेड लगाकर ही रखना चाहिए और इस बात का ध्यान रखें कि जो भी शेड आप लगा रहे हैं वह सारा दक्षिण का भाग ढक ले. तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि दक्षिण का बिल्कुल भी थोड़ा सा भी भाग नहीं दिखना चाहिए.
आखिरी उपाय यह है कि जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी आप अपना दुकान खोलें और कोई ऐसा सामान आपका जो जल्दी बिक जाता है उसे हमेशा सामने ही रखें ताकि लोग उस सामान से आकर्षित हुए और आप की खरीदारी जल्द से जल्द हो जाए.
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