myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   vastu tips home positive energy facts

वास्तु के अनुसार घर में सकारात्मक ऊर्जा आमंत्रित करने के लिए ध्यान रखें इन ज़रूरी बातों का

my jyotish expert Updated 16 Sep 2021 12:01 PM IST
Vastu Home Remedies
Vastu Home Remedies - फोटो : Google
विज्ञापन
विज्ञापन
दिशाओं के बारे में आपने सुना ही होगा। दिशाओं का अपना एक अलग ही महत्त्व होता है और बात जब घर की और वास्तु की हो तो ये और भी ज्यादा महत्पूर्ण हो जाती है। हम सब जानते है को दस दिशाएं होती है।पूर्व ,आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम, वायव्य, उत्तर, ईशान, ऊर्ध्व और अधो। ऊर्ध्व का अर्थ होता है ऊपर। वास्तु के हिसाब से दिशा में जहा दिशा शूल होता है, वही राहु काल भी नुकसानदायक है।माना जाता है की प्रत्येक दिशा के दिग्पाल होते हैं और उनके ग्रह स्वामी भी। आज हम विस्तार से जानेंगे ऊर्ध्व दिशा के बारे में।

सर्वपितृ अमावस्या को गया में अर्पित करें अपने समस्त पितरों को तर्पण, होंगे सभी पूर्वज एक साथ प्रसन्न -6 अक्टूबर 2021
  • ऊर्ध्व दिशा के देवता ब्रह्मा है। हम सब जानते है की ब्रह्मा हम सब के जन्म दाता हैं।ब्रह्मा सनातन धर्म के अनुसार सृजन के देव हैं। हिन्दू दर्शनशास्त्रों में ३ प्रमुख देव बताये गये है जिसमें ब्रह्मा सृष्टि के सर्जक, विष्णु पालक और महेश विलय करने वाले देवता हैं। व्यासलिखित पुराणों में ब्रह्मा का वर्णन किया गया है कि उनके चार मुख हैं, जो चार दिशाओं में देखते हैं।इसी लिए इस दिशा का सबसे ज्यादा महत्व है।
  • कहा जाता है की आकाश ही ईश्वर है। पंडितो का मानना है की जो व्यक्ति आकाश की तरफ मुंह करके प्रार्थना करता है या कुछ मांगता है उसकी मनोकामना बहुत जल्द पूरी होती है अर्थात उनकी प्रार्थना में असर होता है कहते है की वेदानुसार मांगना है तो ब्रह्मा और ब्राम्हण से  मांगो किसी और से नहीं।उससे मांगने से सब कुछ मिलता है और सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
  • माना जाता है की घर की छत, छज्जे,उजाला दान, खिड़की और बीच का स्थान इस दिशा का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये सीधे हमे उर्ध्व दिशा के वोर ले जाते है और उधर देखने को अग्रसर करते है। वास्तु के हिसाब से इन सभी को साफ सुथरा और सजा के रखने से प्रगति के सारे रास्ते खुल जाते है घर में सकारात्मक ऊर्जा का निवास होता है, नकारत्क शक्ति का खात्मा होता है। उस घर में रह रहे लोगो के सोच में सकारात्मक सोच विकसित होती है 
  • वास्तु के हिसाब से  दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की तरफ ढलान होना चाहिए। घर की छत में किसी भी प्रकार का उजालदान न हो। तिरछी छत बनाने से बचें, छत की ऊंचाई कम से कम 10 और ज्यादा से ज्यादा 12 फुट तक होनी चाहिए। छत साफ सुधरी रखें और इससे सकारात्मक ऊर्जा का निवास होता है पानी का टैंक नैऋत्य दिशा में रखें।
  • माना जाता है की घर की वायव्य, उत्तर ,ईशान और पूर्व दिशा के उजालदान ही सही होते हैं। आग्नेय, दक्षिण और नैऋत्य दिशा में उजालदान नहीं बनाना चाहिए। आग्नेय में रसोईघर है तो उजालदान उचित दिशा में बना सकते हैं। बाथरूम और टॉयलेट में उचित दिशा में छत से लगे हुए उजालदान होना चाहिए। इससे घर में बरकत होती है 
  • वास्तु के अनुसार पश्चिमी , पूर्वी और दीवारों पर खिड़कियों का निर्माण शुभ माना जाता है।
  • उत्तर दिशा में खिड़की होने से घर में धन और समृद्धि के द्वारा खुल जाते हैं। खिड़किया दो पल्ले वाली होना चाहिए और इन्हें खोलने एवं बंद करने में आवाज नहीं होना चाहिए। पल्ले अंदर की ओर खुलना चाहिए बाहर की ओर नहीं। इसके अलावा इस बात की जांच करें कि आपके घर में दरवाजे और खिड़कियां विषम संख्या में तो नहीं हैं। अगर ऐसा है तो किसी एक दरवाजे या खिड़की को बंद कर दें और उनकी संख्या को सम कर दें।
  • माना जाता है मध्य भाग में गड्डा नहीं होना चाहिए। मध्यभाग का ईशान की तरह खाली और साफ स्वच्छ होना जरूरी है। परेशानियों से घिरे रहने वाले इस घर के मध्यभाग को ठीक कर देने से सभी ठीक होने लगता है। आपसी संबंध मधुर रहते हैं। घर में धन, समृद्धि अर शांति की बनी रहती है। मानसिक शांति और निरोगी काया रहती है। घर के सभी सदस्य तरक्की करते रहते हैं।
  • वास्तु का मानना है की  आकाश तत्व से हमारी आत्मा में शांति मिलती है। अर्थात इन तत्वों से आत्मा को शांति भी प्राप्त होती ।
  • कहा जाता है की इस दिशा में पत्थर फेंकना, थूकना, पानी उछालना, चिल्लाना या ऊर्ध्व मुख करके अर्थात आकाश की ओर मुख करके गाली देना वर्जित है। इसका परिणाम घातक होता है। इसे आप ने अपने जीवन में कभी ना कभी किया भी होगा और इसका परिणाम आपको मिला भी होगा।
 
दिशा शूल : इस दिशा में जाने का कोई दिशा शूल नहीं।



विवाह को लेकर हो रही है चिंता ? जानें आपकी लव मैरिज होगी या अरेंज, बस एक फ़ोन कॉल पर - अभी बात करें FREE
इस पितृ पक्ष, 15 दिवसीय शक्ति समय में गया में अर्पित करें नित्य तर्पण, पितरों के आशीर्वाद से बदलेगी किस्मत : 20 सितम्बर - 6 अक्टूबर 2021
इस पितृ पक्ष गया में कराएं श्राद्ध पूजा, मिलेगी पितृ दोषों से मुक्ति : 20 सितम्बर - 6 अक्टूबर 2021
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X