- यदि आपकी दुकान का मुख्य द्वार नैऋत्य दिशा में है तो आपकी द्वार पर कोई भारी वस्तु रखनी चाहिए। वास्तु की दृष्टि से ये शुभ माना जाता है। इसके साथ ही आपकी दुकान का जो सबसे अधिक बिकने वाला या सबसे खास सामान हो उसे द्वार पर डिस्प्ले के लिए अवश्य रखें। इससे आपकी दुकान की ओर अधिक लोग आकर्षित होंगे।
- अब क्योंकि नैऋत्य दिशा दक्षिण और पश्चिम के बीच में आती है तो इसपर दक्षिण और पश्चिम दोनों का ही असर होता है। इसलिए आप अपनी दुकान के द्वार पर एक ऐसे व्यक्ति को रखें जो आने वाले सभी ग्राहकों का हंसकर और बड़े ही प्यार से स्वागत करे। आपके ग्राहक बढ़ेंगे और दोबारा आवश्यकता पड़ने पर भी आपकी दुकान में ही आएंगे।
- अगर आपके दुकान के द्वार से लगातार धूप अंदर आती रहती हो तो ये अच्छा नहीं होता। आपकी द्वार पर एक बड़ा सा शेड लगा देना चाहिए जिससे कि धूप दुकान के अंदर ना आए। वास्तु में हरे रंग को विशेष स्थान है। इसलिए आप जब ये शेड लगाते हैं तो हरे रंग का उपयोग करें। ये आपको शुभ परिणाम देगा।
- नैऋत्य दिशा में होने वाली दुकानें शस्त्रों के लिए एवं ज़रूरत में काम आने वाली वस्तुओं के लिए सबसे उपयुक्त होता है। यदि आपकी दुकान इस दिशा में हो तो आपको अपने दुकान के द्वार का खास ख्याल रखें। द्वार को हमेशा साफ-सुथरा रखें और उसमे दरार या कोई भी दिक्कत ना आने दें।
- किसी भी दुकान में दुकान के मालिक के बैठने का स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे दुकान कि दिशा के अनुकूल उचित स्थान पर रखना आवश्यक है। अगर आपकी दुकान का मुख नैऋत्य दिशा में है तो मालिक के बैठने का स्थान ऐसा होना चाहिए कि जब मालिक अपने स्थान पर बैठे तो उसका मुख पूर्व दिशा में या उत्तर दिशा में हो।
- अगर आपकी दुकान बीच बाज़ार में है या आपकी दुकान के सामने भी अन्य दुकानें मौजूद हैं तो आपके दुकान का नैऋत्य दिशा में होना अच्छा होता है।
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