शास्त्रों में वास्तु की दिशाओं का बहुत महत्व माना गया है। कहा जाता है की घर की दक्षिण दिशा भूमि रुप से ऊंची होनी चाहिए। घर में पलंग या सोने का बिस्तर एक ऐसे स्थान पर रहना चाहिए जहाँ व्यक्ति अपने दिन भर की थकान मिटा सकता है और उसे सुबह उठकर एक नई ऊर्जा का अनुभव हो।
जीवन सुखी बना रहे इसके लिए ज़रूरी है की सोने का बिस्तर सही स्थान पर हो । इसके साथ ही उसके चादर का रंग और गद्दों आदि का सही होना भी उतना ही आवश्यक है। इन सबके ठीक न होने से झगड़ा,तनाव,स्वास्थ्य संबंधी जैसी परेशानियां हो सकती हैं । वास्तु में माना जाता है की घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में अग्निदेव का वास होता है ।
वास्तु के अनुसार माना जाता हैं कि दरवाजे के सामने पलंग लगा हो, तो इससे वास्तुदोष उत्पन्न होते हैं। इससे घर में आर्थिक समस्या, मानसिक तनाव एवं शरीर में रोग होने की आशंका बनी रहती है। इसके अलावा दरवाजे की तरफ पैर करके भी नहीं सोना चाहिए।
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वास्तु की मान्यता के अनुसार बिस्तर के सामने शीशा या ड्रेसिंग टेबल नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा कहा जाता हैं की सोते समय अपनी परछाईं नहीं देखने चाहिए। ऐसा करने से पति-पत्नी के रिश्तों पर बुरा असर पड़ता है। कई प्रकार के रोग होने की संभावना भी बड़ जाती है।
कमरे में लोहे का पलंग का ना लगाए, हमेशा लकड़ी के पलंग का इस्तेमाल करें। लकड़ी के फर्नीचर को ही वास्तु में शुभ माना जाता हैं। इसके अलावा पलंग की ऊंचाई न तो बहुत ज़्यादा होना चाहिए और ना ही बहुत कम । वास्तु के अनुसार, पलंग का सिरहाना और बिस्तर आरामदायक होना चाहिए।
सोने से पहले बिस्तर अच्छे से साफ कर लें, साथ ही तकिया, चादर सभी साफ होने चाहिए अगर न हो तो बिस्तर वास्तु दोष के घेरे में आ जाता है। अगर आपका पलंग बड़ा है यानि डबल है तो उस पर एक ही तरह का गद्दा लगाएँ ना कि दो तरह के गद्दे लगाएँ।
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