घर की छत हो या बालकनी नन्ही चिड़िया हमें दाना चुगते हुए दिखाई देती थी किन्तु दिन -ब- दिन इनकी संख्या कम होती जा रही है । अब घर पर चिड़िया का आना बहुत कम हो गया है अब उनको देखना दूभर हो गया है जिस पर हमारा ध्यान ही नही जाता है। 20 मार्च 'विश्व गौरैया दिवस’मनाया जाता है जिसका उद्देश्य नन्ही चिड़िया के प्रति लोगों की जागरूकता फैलाना है ।
आज हम जानेगें की क्या चिड़िया का है वास्तु शास्त्र से भी सम्बन्ध
तुलसीदासजी ने भी किया है गौरैया का वर्णन
गौरेया का हमारा जीवन में कितना महत्व है इसे हम ऐसे समझ सकते हैं कि रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास ने भी गौरेया के विषय में वर्णन किया है । जिसमें उन्होंने राजा दशरथ के घर में गौरेया के घोंसले के बारे में लिखा है। वास्तुशास्त्र के अनुसार अगर घर में उत्तर दिशा और ईशान कोण में गौरैया अपना घोंसला बनाए तो यह अत्यंत शुभ होता है। इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और पारिवारिक दिक्कतें भी धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं।
महाभारत काल का भी मिलता है उल्लेख
मान्यता है कि महाभारत काल में महारानी कुंती के महल में गौरैया का घोंसला था। साथ ही विज्ञान के जनक गौतम ऋषि के अनुसार अगर किसी जगह पर गौरैया का घोंसला हो। तो यह अत्यंत शुभ संकेत माना जाता है। कहते हैं कि इससे 10 प्रकार के वास्तुदोष अपने आप ही दूर हो जाते हैं।
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बन जाते हैं बिगड़े काम
वास्तुशास्त्र के मुताबिक गौरैया का घर में आना बहुत ही शुभ होता हैं। इनके आने से जीवन में मधुरता आती हैं। बिगड़ते कार्य बनने लगते हैं। कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती हैं। इनका सुबह-सुबह दिखना बहुत ही शुभ माना जाता हैं। कहते हैं जो व्यक्ति इनको देख लेता हैं। उसका पूरा दिन शुभ हो जाता हैं। उसे हर कार्य में सफलता मिलती है।
चिड़िया आज घर से गायब होती जा रही है।
जिस पर हम सब का ध्यान बिल्कुल न के बराबर जाता है।
गर्मी शुरू हो गयी है और अब हमें अपनी बालकनी में चिड़िया को दाना पानी डालना फिर से शुरू करना होगा ।
जिससे जो चिड़िया हमारे आस पास के वातावरण में मौजूद है।
उनको पर्याप्त मात्रा में दाना पानी मिले और अगर हमारे घर में उनका घोसला है।
तो उसे नष्ट करने की वजाय हम उसको सुरक्षित करें वैसे भी इसका सम्बन्ध वास्तु सुधार से भी जुड़ा हुआ हमें इसका भी ध्यान देना चाहिए ।
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