एक व्यक्ति के लिए परिवार से बढ़कर कुछ नहीं होता हैं। दुनिया में ऐसा कोई सुख नहीं जो परिवार से बढ़ा हो, लेकिन आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में गृह क्लेश एक गंभीर मुद्दा बनी हुआ है और इसी कारण अधिकतर लोग अपने परिवार से दूर होते जा रहे हैं और एक संयुक्त परिवार के सुख से भी वंचित होते जा रहे है।
बता दें कि ऐसा वास्तु शास्त्र से भी हो सकता हैं। जिससे अगर घर में कोई नकारात्मकता अधिक बढ़ जाए तो घर में लड़ाई झगड़ा एक आम बात बन जाती है और कुछ घरों में तो ये रोज की बात होती है इसलिए कुछ लोग इन सब पर ध्यान भी नहीं देते हैं।
कहा जाता है कि ऐसे घर में मां लक्ष्मी और सुख-शांति का वास नहीं होता है।
ग्रहों के दोष, राहु-केतु का चक्कर, शनि की दृष्टि जैसे बहुत से कारण हो सकते हैं। इस समस्या को बढ़ाने में कई बार कुछ वास्तु दोष भी अपना अहम किरदार निभाते हैं।
तो आइए जानते है कि इन संकट से मुक्ति प्राप्त करने के लिए कुछ आसान से उपाय-
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के दक्षिण-पूर्व-दिशा में वास्तु पिरामिड की स्थापना करने से कभी भी गृह क्लेश नहीं होता है। हिंदू धर्म में दक्षिण-पूर्व दिशा को अग्नि कोण माना जाता है। ऐसा करने से परिजन निरोगी और अच्छे विचारों के होते हैं।
घर में अगर लक्ष्मी मां की मूर्ति के साथ श्री हरि की भी मूर्ति रखी जाए तो घर में गृह क्लेश नहीं होता है। हफ्ते में एक दिन विष्णु मंदिर जाना चाहिए और भगवान को भोग लगाने के साथ गरीबों में बांट दें।
मान्यता है कि सोमवार के दिन दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पति-पत्नी के बीच हो रहे छोटे-छोटे मतभेद उत्पन्न नहीं होते हैं।
घर में बनने वाली सुबह की सबसे पहले की रोटी गाय के लिए निकालें और उसे लेकर आएं ऐसा करने से मन को शांति प्रदान होती है।
घर में नमक का पोछा लगाने से घर में लड़ाई झगड़ा नहीं होता हैं। ऐसा कहा गया है कि ये गृह क्लेश से मुक्ति पाने का एक रामबाण है।
अगर आप के भी घर में जूते-चप्पल हमेशा बिखरे पड़े रहते है तो आप के घर में हमेशा एक नेगेटिव एनर्जी बनी रहेगी और ऐसे घर में लड़ाई होना आम बात होती है। जूतों का एक निश्चित स्थान बनाएं और सुनिश्चित करें कि सब वहीं अपने जूते-चप्पल रखें। ध्यान रहे घर के दरवाजों पर उल्टी चप्पल ना पड़ी रह जाएं।